Ajeet Singh Murder: मऊ के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या उनके बढ़ते राजनीतिक वर्चस्व को खत्म करने के लिए की गई थी। अजीत को छह शूटर ने 22 गोलियां मारकर मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने अंबेडकर नगर से चंदौली जिले के बलुआ महुअर कला गांव निवासी संदीप उर्फ बाबा को गिरफ्तार कर वारदात के राजफाश का दावा किया है। हालांकि, अब भी चार शूटर समेत छह आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक संदीप ने पूछताछ में अपने साथी हमलावरों के नाम बताए हैं। संदीप 15 साल से फरार था। वर्ष 2006 में केराकत, जौनपुर में हुई हत्या के एक मामले में वह वांछित था और उस पर 10 हजार का इनाम भी घोषित था। करीब एक साल से अजीत सिंह की हत्या की साजिश रची जा रही थी। हमलावर मौके की तलाश कर रहे थे।
छह जनवरी को भी संदीप अपने साथी गिरधारी उर्फ डाक्टर, रवि यादव, शिवेंद्र उर्फ अंकुर सिंह, राजेश तोमर और बंटी उर्फ मुस्तफा अजीत की रेकी कर रहे थे। अजीत की गाड़ी का पीछा करते हुए सभी कठौता चौराहे के पास पहुंचे। अजीत और मोहर गाड़ी खड़ी कर उदय टावर में चले गए। इस दौरान हमलावरों को अपनी पोजिशन लेने का मौका मिल गया। अजीत जैसे ही वापस गाड़ी की तरफ बढ़े संदीप, गिरधारी, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर और रवि ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अजीत ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पुलिस का कहना है कि घटना के समय बंधन लाल रंग की गाड़ी में मौके पर मौजूद था। इस दौरान राजेश तोमर के पेट में गोली लगी थी।
अलग-अलग दिशाओं में भागे शूटर
वारदात को अंजाम देने के बाद गिरधारी और रवि यादव स्कूटी से निकल गए, जबकि संदीप, मुस्तफा, अंकुर और राजेश अलग-अलग बाइक से कठौता चौराहे पर पहुंचे। इस दौरान बस स्टैंड पर गाड़ी खड़ी की और बंधन की कार में बैठकर वहां से अवध विहार योजना अलकनंदा अपार्टमेंट पहुंचे। पूछताछ में संदीप ने बताया कि वह रोडवेज बस से अंबेडकर नगर चला गया था।
अलकनंदा अपार्टमेंट में डाक्टर से निकलवाई गई थी गोली
Ajeet Singh Murder: राजेश तोमर गोली लगने से जख्मी था और काफी | खून भी बह रहा था। इस दौरान पूर्व सांसद के कहने पर मानसनगर कृष्णानगर में रहने वाला विपुल सिंह वहां डॉक्टर निखिल को लेकर पहुंचा था। अपार्टमेंट में डाक्टर निखिल ने राजेश के पेट से गोली निकाली थी। इस दौरान वहां अंकुर, बंधन, मुस्तफा और विपुल भी मौजूद थे। राजेश तोमर के पेट से गोली निकलने के बाद सभी आरोपितों ने अंकुर को अपना असलहा सौंप दिया था। इसके बाद राजेश को लेकर सुलतानपुर स्थित डा. एके सिंह के नर्सिंग होम में इलाज कराने चले गए थे। संदीप की निशानदेही पर पुलिस ने पी ब्लाक के फ्लैट नंबर 1102 से एक पिस्टल और पांच कारतूस बरामद किए हैं। हमले में शामिल चार शूटरों समेत छह आरोपित अब भी फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
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कुण्टू और अखण्ड के कहने पर हुई हत्या
पुलिस का दावा है कि संदीप उर्फ बाबा ने पूछताछ में बताया है कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू और अखंड सिंह के कहने पर अजीत सिंह की हत्या की गई थी। इसके लिए गिरधारी ने सभी शूटरों से बात की थी। तिहाड़ जेल में बंद गिरधारी ने भी दिल्ली पुलिस से पूछताछ में सभी शूटरों के नाम बताए हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त का कहना है कि गिरधारी हर 15 दिन पर शूटरों को रुपये व अन्य चीजें उपलब्ध कराता था। गिरधारी को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। हालांकि, गिरधारी ने दिल्ली पुलिस को अंकुर सिंह, बंधन और रवि यादव का नाम बताया है। छानबीन में सामने आया है कि मऊ में अजीत सुरक्षा व्यवस्था के साथ चलते थे, जिससे हमलावरों को मौका नहीं मिल पा रहा था। अजीत के जिलाबदर होन के बाद शूटर सक्रिय हो गए थे और इसी ताक में थे कि कब अजीत बुलेटप्रूफ गाड़ी से नीचे उतरें और उन्हें निशाना बनाया जा सके। छह जनवरी को हमलावरों को मौका मिला और उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध ने कहा कि कुंटू और अखंड ने साजिश के तहत अजीत की हत्या कराई थी। इलाके में अजीत के बढ़ते वर्चस्व से दोनों परेशान थे। ठेकेदारी में भी अजीत हावी होते जा रहे थे। अपने बयान में उन्होंने कहीं भी पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम नहीं लिया।
Ajeet Singh Murder: सवाल के जवाब में जेसीपी ने कहा कि डा. एके सिंह के पास वाट्सएप कॉल आई थी, जिसके बाद उन्होंने शूटर को नर्सिंग होम में भर्ती किया था। एके सिंह ने बयान में कहा था कि पेट में सरिया आर-पार होने की सूचना मिली थी। एक्सरे में कोई बुलेट नहीं मिला था, जिससे उन्हें संदेह नहीं हुआ और उन्होंने राजेश तोमर को भर्ती कर लिया था। की दावेदारी सबसे मजबूत थी।
इन बातों से परेशान होकर अजीत की हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस का कहना है कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू और अखंड को पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। हत्याकांड में अब तक 14 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें कुंटू, अखंड, गिरधारी, अंकुर सिंह, बंधन, रवि यादव, राकेश, मुस्तफा, विपुल, रेहान, प्रिंस, डा. निखिल और डा. एके सिंह शामिल हैं। इसके अलावा डा. एके सिंह के बयान के आधार पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम भी सामने आया है। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपित जल्द गिरफ्तार होंगे।
सभी लोगों से होगी पूछताछ जेसीपी क्राइम ने कहा कि अब तक की छानबीन में जिन लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। सभी को नोटिस भेजा जाएगा।
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