मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के सरकारी अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां अस्पताल के अंदर नवजात बच्चों की हेराफेरी हो गई. मामला तब सामने आया (nurses handed Over newborn girl) जब मेहथा खारी की एक महिला को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला ने देर रात 3 बजे एक पुत्र को जन्म दिया और आशा कार्यकर्ता ने उसे वार्ड में भर्ती कराया. लेकिन जब आशा कार्यकर्ता घर चली गई, तो अस्पताल की नर्सों ने महिला के हाथ में एक बच्ची दे दी.
बच्ची को देख महिला घबरा गई और उसके मुंह से चीख निकल गई. फिर उसने तुरंत आशा कार्यकर्ता को फोन किया. महिला ने बताया कि उसे तो बेटा दिया गया था और उसने खुद उसे साफ करके आईसीयू में रखा था. इस खबर के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. मौके पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और जांच शुरू की गई.
nurses handed Over newborn girl – एक न्यूज चैनल के मुताबिक, बुधवार देर रात रेशमा पति ज्ञान सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रात 3 बजे महिला ने बेटे को जन्म दिया. आशा कार्यकर्ता ने खुद अपने हाथों से बच्चे की सफाई की थी. डॉक्टरों ने जब बताया कि बच्चा कमजोर है तो उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया. लेकिन जब वह सुबह घर चली गई, तो अस्पताल के स्टाफ ने हेरा-फेरी कर दी. परिजनों के हंगामे के बाद अस्पताल के जिम्मेदारों ने गलती स्वीकार की और नवजात बेटे को वापस सौंप दिया.
अस्पताल में लापरवाही उजागर
इस घटना के बाद अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यह कोई मामूली मामला नहीं है क्योंकि नवजात बच्चों की हेराफेरी बेहद गंभीर अपराध है. कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल में डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं को जो नॉर्मल डिलीवरी की बजाय डॉक्टर सिजेरियन करवाने के लिए डराते और उन पर दबाव बनाते हैं. अब पीड़ित परिजन इस मामले की शिकायत कलेक्टर हर्ष सिंह से करने की बात कह रहे हैं, ताकि लापरवाही बरतने वाले अस्पताल के जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.