जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 5 सवाल उठाए हैं और केंद्र से पूछा है कि घटना के 55 दिन बीत जाने के बाद भी आतंकी क्यों नहीं पकड़े गए हैं? टीएमस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा में इस बड़े उल्लंघन के लिए जवाबदेही कहां है? यही नहीं, उन्होंने 33 देशों में भारत की तरफ से भेजे गए डेलिगेशन से कितने देशों का समर्थन मिला है इस पर भी (5 questions fired on government) सवाल पूछा है.
अभिषेक बनर्जी ने क्या-क्या पूछे सवाल?
1- चार आतंकवादी सीमा पर घुसपैठ करने और हमला करने में कैसे कामयाब हो गए, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए? राष्ट्रीय सुरक्षा में इस बड़े उल्लंघन के लिए जवाबदेही कहां है?
2- अगर यह खुफिया विफलता थी, तो इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ को एक साल का एक्सटेंशन क्यों दिया गया, वह भी हमले के बमुश्किल एक महीने बाद? उन्हें जवाबदेह ठहराने के बजाय पुरस्कृत क्यों किया गया, क्या मजबूरी है? यदि भारत सरकार विपक्षी नेताओं (जिनमें मैं भी शामिल हूं), पत्रकारों और यहां तक कि न्यायाधीशों के खिलाफ भी पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग आसानी से कर सकती है, तो उसे आतंकवादी नेटवर्कों और संदिग्धों के खिलाफ भी इसी उपकरण का उपयोग करने से कौन रोक रहा है?
3- इस क्रूर, धर्म-आधारित नरसंहार के लिए जिम्मेदार चार आतंकवादी कहां हैं, क्या वे मर चुके हैं या जीवित हैं? अगर उन्हें मार गिराया गया है, तो सरकार स्पष्ट बयान क्यों नहीं दे पाई और अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है, तो चुप्पी क्यों है?
4- भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) को कब वापस लेगा, सरकार ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी कि उन्होंने व्यापार के वादे के साथ भारत को युद्ध विराम के लिए राजी किया,140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं की अवहेलना क्यों की गई, इस तरह के समझौते का कारण क्या था?
5- पिछले एक महीने में पहलगाम के बाद 33 देशों से संपर्क करने के बाद कितने देशों ने भारत को स्पष्ट समर्थन दिया है? अगर हम वाकई विश्वगुरु हैं और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, तो आईएमएफ और विश्व बैंक ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर और 40 बिलियन डॉलर की (5 questions fired on government) वित्तीय सहायता और दीर्घकालिक निवेश की मंजूरी क्यों दी?