छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में प्रस्तावित रावघाट से जगदलपुर रेल लाइन विस्तार को लेकर प्रभावित किसानों और ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है. सोमवार को बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारायणपुर कलेक्टर को ज्ञापन दिया. किसानों ने उन्हें दिए जा रहे मुआवजे को लेकर सवाल उठाए. किसानों का (extension of railway line) आरोप है कि उनसे साल 2025 में जमीन ली जा रही है, लेकिन उसका मुआवजा साल 2019–20 की पुराने दर पर दिया जा रहा है, जो वर्तमान बाजार मूल्य से काफी कम है.
extension of railway line – रेलवे पटरी विस्तार से प्रभावित किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में उनके साथ अन्याय हो रहा है. किसानों का आरोप है कि जिन जिलों से होकर रेलवे लाइन गुजर रही है, वहां के किसानों को पहले ही बढ़ी हुई मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है, जबकि नारायणपुर जिले के हजारों किसान आज भी उचित मुआवजे के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
ग्रामीणों और किसानों की प्रमुख मांगें
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- भूमि अधिग्रहण की राशि वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार तय की जाए, न कि 2019–20 की दरों पर.
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- प्रत्येक प्रभावित परिवार से एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाए.
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- जिन किसानों की भूमि ली जा रही है, उन्हें जमीन के बदले कृषि भूमि उपलब्ध कराई जाए.
किसानों की चेतावनी
प्रभावित किसानों की मांग पर नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. ज्ञापन सौंपते समय किसानों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो वे मजबूरन सड़क पर उतरकर रेलवे और सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.


