केंद्र सरकार ने उन वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है, जो बिना FASTag या खराब FASTag के साथ नेशनल हाईवे पर यात्रा करते हैं. अब उन्हें डबल टोल टैक्स नहीं देना होगा. सरकार ने घोषणा की है कि 15 नवंबर 2025 से ऐसे वाहन मालिकों को 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा, अगर वे भुगतान UPI के ज़रिए करते हैं. फिलहाल (relief for drivers without fastag) जो वाहन बिना वैध FASTag के होते हैं, उन्हें टोल प्लाजा पर कैश में दोगुना टोल देना पड़ता है. लेकिन अब सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यह नया नियम लागू किया है.
केंद्र सरकार ने National Highways Fee (Determination of Rates and Collection) Rules, 2008 में संशोधन किया है. सरकार का कहना है कि इस बदलाव से हाईवे पर कैश ट्रांजैक्शन कम होंगे और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने और कैश लेनदेन खत्म करने के लिए यह बदलाव किया गया है. अब अगर कोई वाहन बिना वैध FASTag के हाईवे प्लाजा पर पहुंचता है, तो उसे कैश में भुगतान करने पर डबल टोल देना होगा. लेकिन अगर वही वाहन चालक UPI के जरिए भुगतान करता है, तो उसे सिर्फ 1.25 गुना टोल देना होगा.
relief for drivers without fastag – यानि अब अगर आपके पास FASTag नहीं है या वो खराब हो गया है, तो भी आप UPI से पेमेंट करके लगभग 75 रुपए की बचत कर सकते हैं. यह कदम डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने और लंबी टोल लाइनों को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह नया नियम 15 नवंबर 2025 से पूरे देश के नेशनल हाईवे टोल प्लाज़ा पर लागू होगा. सरकार का लक्ष्य है कि धीरे-धीरे सभी टोल लेन कैशलेस और पूरी तरह डिजिटल हो जाएं, ताकि देशभर में हाईवे पर यात्रा और आसान और तेज़ बन सके.