क्या आप ऐसी कहानी देखना चाहते हैं जो दिल को छू जाए और आपको प्रेरित करे? अनुपम खेर की ‘तन्वी: द ग्रेट’ एक ऐसी ही फिल्म है. ये फिल्म ऑटिस्टिक लड़की के बड़े सपने की कहानी बयां करती है. ‘तन्वी: द ग्रेट’ आपको हंसाएगी, आपकी आंखों में नमी भी लाएगी और आपको हिम्मत भी देगी. अगर आप लाउड ड्रामा वाली फिल्मों से बोर (Tanvi The Great Review) हो गए हैं तो ये सच्ची और दिल को छू लेने वाली फिल्म आपके लिए एकदम सही है.
Tanvi The Great Review – फिल्म की कहानी है तन्वी रैना (शुभांगी दत्त) नाम की एक ऑटिस्टिक लड़की की. तन्वी के पिता का अधूरा सपना था सियाचिन में हमारे तिरंगे को सलामी देना. जब तन्वी को अपने पिता की इस अधूरी इच्छा का पता चलता है तब वो इसे पूरा करने का बीड़ा उठाती है और भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला करती है. कहानी तब शुरू होती है जब तन्वी अपनी मां विद्या रैना (पल्लवी जोशी) के साथ अपने दादा, कर्नल रैना (अनुपम खेर) के पास लैंसडाउन आती है. कर्नल साहब, जिन्हें ऑटिज्म के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, शुरुआत में तन्वी से जुड़ने में मुश्किल महसूस करते हैं. फिर कहानी किस तरह से आगे बढ़ती है और तन्वी की इस कहानी में ब्रिगेडियर जोशी (जैकी श्रॉफ), म्यूजिक टीचर राज साब (बोमन ईरानी) और मेजर कैलाश श्रीनिवासन (अरविंद स्वामी) किस तरह से उसका साथ देते हैं, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
कैसी है फिल्म?
‘तन्वी: द ग्रेट’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उम्मीदों और रिश्तों का अनोखा ताना-बाना है. ये फिल्म दिखाती है कि कैसे प्यार और समझ किसी भी चुनौती को आसान बना सकती है. फिल्म की खूबसूरती इसकी सादगी में है. ये बिना किसी दिखावे या जबरदस्ती के आपको कहानी के किरदारों से जोड़ देती है. ये उन कहानियों में से है जो शोर मचाती नहीं, पर दिल पर गहरा असर जरूर छोड़ जाती हैं.