गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को सदन में कहा कि राज्य वर्ष 2026 तक राज्य में बाल विवाह पर रोक लगा दी जाएगी। बाल विवाह राज्य के बाहर हो सकता है लेकिन (the assam republic bill) असम में बाल विवाह नहीं होगा। मुख्यमंत्री डॅा सरमा विधानसभा के शरद कालीन सत्र के चौथे दिन असम सरकार के मंत्री जोगेन महन के सदन में पेश किये गये ‘द असम रिपिलिंग बिल 2024’ पर चर्चा के दौरान संबोधित कर रहे थे।
सदन में ‘द असम रिपिलिंग बिल 2024’ पारित कर दिया गया है। इसके मद्देनजर असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा में कहा कि वर्ष 2026 तक बाल विवाह पर रोक लगा दी जाएगी। बाल विवाह राज्य के बाहर हो सकता है, लेकिन असम में बाल विवाह नहीं होगा। सदन में चर्चा के दाैरान सदस्य रफीकुल इस्लाम ने कहा कि कई अरबी विद्वान और सरकारी शिक्षक काजी के रूप में काम कर रहे हैं। गुवाहाटी के केंद्रीय काजी भी शिक्षक हैं। असम में बहुत अधिक काजी नहीं हैं। राज्य में सिर्फ 90 काजी हैं।
the assam republic bill – रफीकुल इस्लाम के बयान का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 90 काजियों की चिंता मत करिए। मुस्लिम लड़कियों के लिए न्याय के बारे में सोचिए। रफीकुल इस्लाम अपनी दो बेटियों के न्याय के बारे में सोचे बिना काजियों के बारे में सोच रहे हैं। मैं काजियों को संभाल लूंगा। काजियों को बंद करने के उद्देश्य से इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है।