तीसरे चरण के मतदान में 20 फरवरी को होगा। इस चरण पर प्रदेश ही नहीं देशभर की नजर लगी हुई हैं। इसकी मुख्य वजह करहल विधानसभा सीट है। इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यहीं पास की ही जसवंतनगर विधानसभा सीट से उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव चुनावी मैदान में हैं। यही वह चरण है, जिसमें केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह और यूपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना भी चुनावी मैदान हैं। इसके चलते तीसरे चरण का रण काफी रोचक हो गया है।
करहल विधानसभा सीट
बात सबसे पहले करहल विधानसभा सीट की करते हैं। वर्ष 1974 से देखा जाए तो यहां से एक बार कांग्रेस व एक बार भाजपा जीती है। भाजपा वर्ष 2002 में यह सीट जीती थी। वो भी सोवरन सिंह की वजह से। वह मौजूदा समय में सपा में हैं और वह लगातार चार बार से इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं। अखिलेश यादव के लिए उन्होंने सीट खाली की है। अखिलेश सपा के मुखिया और मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं। इसलिए इस सीट पर सभी की नजरें लगी हुई हैं। भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है। जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर एक बार कांग्रेस जीती है। छह बार मुलायम सिंह यादव और 1996 से लेकर 2017 तक शिवपाल पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा ने जसवंतनगर सीट से विवेक शाक्य को टिकट दिया है।
सतीश महाना भी इसी चरण में
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना महाराजपुर विधानसभा सीट से मैदान में हैं। वह सात बार से विधायक हैं और आठवीं बार मैदान में हैं। सपा ने उनके खिलाफ फतेहबहादुर को मैदान में उतारा है। सतीश महाना कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और मायावती सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसलिए इस सीट पर भी लोगों की नजरें लगी हुई हैं। हाथरस से भाजपा ने आगरा के पूर्व महापौर अंजुला माहौर तो सपा से ब्रजमोहन राही को मैदान में उतारा है।
कन्नौज सीट से भाजपा ने पूर्व आईपीएस असीम अरुण तो सपा से मौजूदा विधायक अनिल दोहरे मैदान में हैं। असीम अरुण आईपीएस से राजनीति में आए हैं। कन्नौज सीट पर चार बार से सपा का कब्जा है। कन्नौज संसदीय सीट से मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रह चुकी हैं। कन्नौज सपा का गढ़ माना जाता है। इसीलिए तीसरे चरण का चुनाव काफी रोचक वाला हो गया है।