यूपी विधानसभा के सियासी समर में कई सूरमा ऐसे हैं जिन पर अपनी पुरानी जीत का रिकार्ड कायम रखने या तोड़ने की चुनौती है। ये ऐसे सूरमा हैं जो सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल कर चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, रामपुर से आजम खां, रसड़ा से उमाशंकर सिंह और जसवंत नगर से शिवपाल सिंह यादव प्रमुख हैं।
कुंडा विधानसभा
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया कुंडा प्रतापगढ़ से छह बार से लगातर विधायक हैं। वह सातवीं बार भी मैदान में हैं। राजा भैया को वर्ष 2012 में 111392 मत मिले और 23137 वोट पाकर दूसरे नवंबर पर बसपा के शिव शंकर मिश्रा रहे। 2017 में उन्हें रिकार्ड 136597 यानी 69.32 फीसदी वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहने वाले भाजपा के जानकी शरण को मात्र 32950 वोट यानी 16.72 फीसदी मत मिले। कुंडा में पांचवें चरण में मतदान 27 फरवरी को होगा।
जसवंतनगर विधानसभा सीट
शिवपाल सिंह यादव इस विधानसभा सीट से 1996 में पहली बार विधायक चुने गए। इस सीट से वह लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। इस सीट से उनके नाम सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 133563 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर रहने वाले बसपा के मनीष को 52479 वोट पर ही संतोष करना पड़ा था। यह बात अलग है कि वर्ष 2017 के चुनाव में जीत का अंतर कुछ कम हो गया। इस चुनाव में उन्हें 126834 यानी 54.73 फीसदी मत मिले। दूसरे नंबर पर रहने वाले भाजपा के मनीष यादव को 74218 यानी 32.03 फीसदी वोट मिले। शिवपाल इस बार गठबंधन कर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं। जसवंतनगर में तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है।
रसड़ा बलिया विधानसभा सीट
उमा शंकर सिंह पहली बार वर्ष 2012 और दूसरी बार वर्ष 2017 में विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वह 84436 मत पाकर चुनाव जीते और सपा के सतनाम को मात्र 31611 वोट ही मिले। वर्ष 2017 के चुनाव में उन्हें 92272 यानी 48.16 फीसदी और भाजपा के राम इकबाल सिंह को 58385 यानी 30.47 फीसदी वोट मिले। इस बार भी वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां छठे चरण में 6 मार्च को मतदान होना है।