CN DESK/LUCKNOW : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो रहे हैं। यूपी में कांग्रेस ने लगभग 60 फीसदी जिलों में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को इन दोनों दलों के हाथों खो दिया है। कांग्रेस से नेताओं के बाहर निकलने का फायदा आप को मिल रहा है, जो राज्य की राजनीति में पैठ बनाने की तैयारी कर रही है। पूर्व सांसद अन्नू टंडन सैकड़ों समर्थकों के साथ पिछले महीने सपा में शामिल हो गई थीं। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लगभग हर दिन जिलों में पार्टी छोड़ रहे हैं। हाल ही में आप में शामिल होने वाले रायबरेली में कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता नदीम अशरफ जायसी ने कहा, “जेएनयू के पूर्व छात्र संदीप सिंह को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनीतिक सलाहकार माना जाता है। वह एक दूसरी विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जो गांधी और नेहरू की विचारधारा से कोसों दूर है. वरिष्ठ पार्टी नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है।”
सपा और आप में शामिल हो रहे हैं कांग्रेस नेता
जायसी ने आगे कहा, ” ‘रिहाई मंच’ (एनजीओ) का एक व्यक्ति, जिसने कभी कांग्रेस के लिए काम नहीं किया, उसे अब रायबरेली का प्रभारी और यूपी कांग्रेस का सचिव बनाया गया है। मुझे इस सेट-अप में घुटन महसूस हुई। संदीप सिंह को उनके राजनीतिक कार्य से ज्यादा उनके बुरे व्यवहार के लिए जाना जाता है। कोई भी इस तरह के माहौल में क्यों रहेगा?” अपने आप में शामिल होने के बारे में, उन्होंने कहा कि उन्हें अंतत: अपनी राय को आगे बढ़ाने का मौका दिया जा रहा है और पार्टी लोकतांत्रिक कामकाज में विश्वास करती है। गौरतलब है कि रायबरेली में जायसी के कांग्रेस को छोड़ने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है, जहां उसके दो विधायकों (अदिति सिंह और राकेश सिंह) ने पहले ही पार्टी से नाता तोड़ लिया है।
कांग्रेस नेताओं ने वाम विचारधारा को थोपने का लगाया आरोप
रायबरेली एकमात्र लोकसभा सीट है जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में यह सीट जीती थी।पिछले साल नवंबर में पार्टी से निष्कासित नौ वरिष्ठ कांग्रेसियों ने ‘कांग्रेस पर वाम विचारधारा को थोपने’ के लिए भी संदीप सिंह को जिम्मेदार ठहराया था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “इससे यह भी पता चलता है कि युवा कांग्रेस के सदस्य दोषपूर्ण नीतियों के कारण राज्य के नेतृत्व में विश्वास खो रहे हैं। वामपंथी नेताओं को अधिकांश विभागों का प्रभार दिए जाने के बाद कई नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।” हाल ही में सपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ चुके कैसर जहां ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्वविहीन और दिशाहीन हो गई है।”
कांग्रेस मुख्यालय में भगवा साड़ी में दिखा प्रियंका गाँधी का पोस्टर
इधर उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अपने पार्टी की छवि को लेकर कांग्रेस भी तैयारियों में जुट गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी कार्यालय का आजकल कायाकल्प किया जा रहा है। साथ ही प्रियंका गांधी के चेहरे का एक पोस्टर भी लगाया गया है जो भगवा कलर में दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी कार्यालय को नए सिरे से सजाया जा रहा है। यहां नए स्टेज, नए ग्राउंड तैयार किए जा रहे हैं। उसी ग्राउंड में प्रियंका और राहुल गांधी के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के पोस्टर भी लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में एक खास बात यह है कि हिंदुत्व को साधने के लिए प्रियंका गांधी का जो पोस्टर लगाया गया है वह पूरी तरह भगवा कलर में दिख रहा है जिसमें प्रियंका गांधी माला पहने और माथे पर टीका भी लगाए हैं।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी हमेशा से बलिदानों की पार्टी रही है। कांग्रेस पार्टी कभी रंगों की राजनीति नहीं करती है। जो लोग रंगों पर राजनीति करते हैं वह अपनी बात बताएं, मगर कांग्रेस पार्टी हमेशा से किसानों की मजदूरों की गरीबों की राजनीति करती रही है, उसे रंगों से कोई मतलब नहीं है।”
प्रियंका गांधी की भूमिका मानी जा रही अहम
उत्तर प्रदेश में 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी का रोल कांग्रेस पार्टी के लिए अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि, वह कुछ समय से सक्रिय दिखाई दे रही हैं। साथ ही, लगातार प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क भी कर रही हैं। बता दें कि 2017 में 403 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के खाते में महज 7 सीटें ही आई थी। वहीं, भाजपा ने पहली बार 325 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इस लिहाज से कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। जिसकी कमान प्रियंका गांधी संभाल रही हैं।