यूपी पंचायत चुनाव: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार यानी त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के 31 मई तक पंचायत चुनाव कराने के कार्यक्रम को खारिज करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव 30 अप्रैल तक व जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव 15 मई तक संपन्न करा लें। न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को चुनाव के लिए 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करने का भी निर्देश दिया। ग्राम, जिला व क्षेत्र पंचायत के प्रतिनिधियों का चुनाव जनता करती है। चुने गए ये प्रतिनिधि ही जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख चुनते हैं। पंचायत चुनाव को लेकर हाथरस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने याचिका लगाई थी। इसी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गुरुवार को ये निर्देश जारी किये। पंचायत चुनाव के शेड्यूल को लेकर कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। आयोग के कार्यक्रम पेश करने के बाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा, जिस पर सुनवाई हुई।
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निर्वाचन आयुक्त ने आपत्ति की तो हाईकोर्ट ने तिथि आगे बढ़ाई
हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों चुनाव 30 अप्रैल तक संपन्न कराने का आदेश दिया। आदेश लिखे जाने के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा अपने वकील के पास गए। उन्होंने वकील से इसपर आपत्ति जताने को कहा। वकील ने फिर खंडपीठ को बताया कि 30 अप्रैल तक सिर्फ प्रत्यक्ष चुनाव हो सकते हैं। इसके बाद अप्रत्यक्ष चुनाव होंगे, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख चुने जाएंगे। अप्रत्यक्ष चुनाव होने में 21 दिन का समय लगता है। अपर निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उनके वकील ने जब ये जानकारी दी तो फिर हाईकोर्ट ने कहा कि 21 दिन तो ज्यादा है, आप 15 मई तक अप्रत्यक्ष चुनाव संपन्न करा दें।
निर्वाचन आयुक्त ने आपत्ति की तो हाईकोर्ट ने तिथि आगे बढ़ाई
यूपी पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों चुनाव 30 अप्रैल तक संपन्न कराने का आदेश दिया। आदेश लिखे जाने के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा अपने वकील के पास गए। उन्होंने वकील से इसपर आपत्ति जताने को कहा। वकील ने फिर खंडपीठ को बताया कि 30 अप्रैल तक सिर्फ प्रत्यक्ष चुनाव हो सकते हैं। इसके बाद अप्रत्यक्ष चुनाव होंगे, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख चुने जाएंगे। अप्रत्यक्ष चुनाव होने में 21 दिन का समय लगता है। अपर निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उनके वकील ने जब ये जानकारी दी तो फिर हाईकोर्ट ने कहा कि 21 दिन तो ज्यादा है, आप 15 मई तक अप्रत्यक्ष चुनाव संपन्न करा दें।
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