अगर आप नया माउस खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि वायरलेस माउस लें या फिर केबल वाला माउस? दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. यहां हम आपको इन दोनों माउस के फायदे-नुकसान के साथ बताएंगे कि कौन-सा माउस किसके लिए (wireless or cable mouse) बेहतर है.
केबल वाला माउस
केबल वाला माउस गेमिंग या डिजाइनिंग जैसे कामों के लिए परफेक्ट होता है. क्योंकि इसमें लैग (delay) नहीं होता. इसमें बैटरी की चिंता नहीं रहती है. इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती. आमतौर पर वायरलेस माउस से सस्ता मिल जाता है.
अगर इसके नुकसान पर नजर डालें तो टेबल पर केबल उलझ सकती है और मूवमेंट में रुकावट बन सकती है. इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना थोड़ा झंझट भरा होता है.
वायरलेस माउस के फायदे-नुकसान
वायरलेस माउस के फायदे काफी सारे हैं. ये डेस्क पर क्लीन और स्मार्ट लुक देता है. अच्छी पोर्टेबिलिटी इसका मतलब आप इसे आसानी से बैग में रखकर कहीं भी लेकर जा सकते हैं. थोड़ी दूरी से भी आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं.
हालांकि इस माउस के नुकसान भी काफी सामने आते हैं. जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. बैटरी खत्म हो जाए तो माउस बंद होता है. ऐसे में टाइम टू टाइम इसकी बैटरी बदलने की जरूरत पड़ती है या चार्ज करने की जरूरत पड़ती है.
कौनसा लेना रहेगा सही?
- स्टूडेंट्स या बेसिक यूजर हैं, तो वायर्ड माउस आपके लिए बेहतर और सस्ता ऑप्शन है.
- प्रेजेंटेशन या ट्रैवलिंग का ज्यादा काम होता है तो आपके लिए वायरलेस माउस बेहतर ऑप्शन हो सकता है. ये पोर्टेबल और स्टाइलिश होता है.
- गेमर या ग्राफिक डिजाइनर के लिए वायर्ड माउस बेहतर रिस्पॉन्स देता है.
- ऑफिस यूजर हैं और साफ-सुथरा वर्कस्टेशन चाहते हैं तो (wireless or cable mouse) वायरलेस माउस एक स्मार्ट चॉइस है.