Close Menu
करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • AIMIM का बिहार में बढ़ता दखल! विधानसभा चुनाव के लिए जारी की एक और लिस्ट
    • मोहन भागवत का बड़ा बयान : ‘दुनिया विनाश की तरफ जा रही है’, ‘मगर समाधान का रास्ता सिर्फ हमारे पास है
    • कर्तव्य पथ पर दिखा अलौकिक दृश्य! दीपों की रोशनी से जगमग हुआ पूरा इलाका
    • JNU में छात्रों पर लाठीचार्ज? प्रदर्शन के बाद अध्यक्ष समेत 6 छात्रों के खिलाफ FIR
    • लापरवाही की हद! नसबंदी कराने आई 4 बच्चों की मां को डॉक्टर ने लगाया इंजेक्शन, कुछ ही देर में हो गई मौत
    • निकाह के 48 घंटे बाद ही मौत का रहस्य! सऊदी से लौटे युवक की लटकी लाश मिली
    • लव जिहाद पर भड़कीं साध्वी प्रज्ञा, बोलीं- ‘बेटी को समझाओ, न माने तो टांगें तोड़कर घर में बिठाओ’
    • दिवाली पर किसानों की हुई ‘धनवर्षा’! CM मोहन यादव ने बटन दबाकर ट्रांसफर किए ₹265 करोड़ रुपये
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    Tuesday, October 21
    • होम
    • राज्य
      • दिल्ली
      • उत्तर प्रदेश
      • उत्तराखण्ड
      • मध्य प्रदेश
      • छत्तीसगढ़
      • हिमांचल प्रदेश
      • पंजाब
      • झारखण्ड
      • बिहार
      • राजस्थान
      • हरियाणा
      • गुजरात
      • महाराष्ट्र
      • जम्मू कश्मीर
    • देश
    • मनोरंजन
    • खेल
    • टेक्नोलॉजी
    • लाइफ स्टाइल
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Home » अटल बिहारी वाजपेयी 1 वोट क्यों हासिल नहीं कर पाए थे ?

    अटल बिहारी वाजपेयी 1 वोट क्यों हासिल नहीं कर पाए थे ?

    December 25, 2020 बड़ी खबर 4 Mins Read
    atal bihari 1998 elections
    Share
    Facebook Twitter Email WhatsApp Copy Link

    अटल बिहारी क्यों हारे थे: लोक सभा (Lok Sabha) में 1999 में महज एक वोट से तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार गिर जाने के बारे में एक किताब में बड़ा खुलासा किया गया है| किताब में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी (BJP) छोटी पार्टियों के साथ तालमेल बिठा पाने में नाकाम रही थी, यही सबसे बड़ा कारण रहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र एक वोट से गिर गई| हालांकि बीजेपी वाजपेयी सरकार गिरने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सांसद गिरधर गमांग और नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज को मुख्य दोषी मानते हैं|

    ‘वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ में खुलासा’
    शक्ति सिन्हा (Shakti Sinha) की लिखी किताब ‘वाजपेयी: द ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार गिरने के बारे में दावा किया गया है| शक्ति सिन्हा कई वर्षों तक वाजपेयी के निजी सचिव रहे और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में भी सेवा दी थी| केंद्र में बनी बीजेपी की पहली सरकार की कार्यप्रणाली और अन्नाद्रमुक (AIADMK) की नेता जे जयललिता (J. Jayalalithaa) द्वारा वाजपेयी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद यह कैसे 13 दिनों में गिर गई थी, इसके बारे में पुस्तक में विस्तृत जानकारी दी गई है|

    वाजपेयी सरकार को नहीं था कोई खतरा?
    अटल बिहारी क्यों हारे थे: सिन्हा ने अपनी किताब में लिखा है कि वाजपेयी सरकार के पतन के लिए भले ही गमांग को दोषी ठहराया जाता है लेकिन कई ऐसे लोग थे जिन्होंने इसमें अपनी भूमिका निभाई थी. उन्होंने लिखा, ‘इसमें एक बड़ी भूमिका छोटे दलों को साधने में बीजेपी की असफलता थी|’ उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अरुणाचल कांग्रेस के वांगचा राजकुमार ने लोकसभा में विश्वास मत से बहुत पहले ही वाजपेयी को आश्वासन दिया था कि उनकी क्षेत्रीय पार्टी में फूट के बावजूद सरकार को उनका समर्थन जारी रहेगा| उन्होंने पुस्तक में लिखा कि उस समय वाजपेयी सरकार को कोई खतरा नहीं था लेकिन दुर्भाग्य से जब विश्वासमत का समय आया तब किसी को राजकुमार से संपर्क साधना याद नहीं रहा. उन्होंने सरकार के खिलाफ मतदान किया|

    ‘सोज को साधने में बीजेपी रही फेल’
    सिन्हा ने पुस्तक में कहा कि सोज से बेहतर तरीके से बातचीत की गई होती तो उसका सकारात्मक परिणाम आता. सोज उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य थे और उनकी पार्टी के दो सांसद थे. दूसरे उमर अब्दुल्ला थे| जम्मू एवं कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) जो उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया भी थे, ने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) को आगे बढ़ाया और सोज को ‘बहुत तुच्छ तरीके से पार्टी में किनारे किया|’

    ‘सोज को साधने में बीजेपी रही फेल’
    सिन्हा ने पुस्तक में कहा कि सोज से बेहतर तरीके से बातचीत की गई होती तो उसका सकारात्मक परिणाम आता. सोज उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य थे और उनकी पार्टी के दो सांसद थे. दूसरे उमर अब्दुल्ला थे| जम्मू एवं कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) जो उस वक्त नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया भी थे, ने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) को आगे बढ़ाया और सोज को ‘बहुत तुच्छ तरीके से पार्टी में किनारे किया|’

    इसे भी पढ़े:हैरान हुए सीएम Yogi Adityanath रामलीला के सभी पात्र मुस्लिम थे, फिर क्या हुआ ?

    श्रीनगर दौरे के दौरान हुई ये चूक
    अटल बिहारी क्यों हारे थे: किताब के मुताबिक सोज ने आधिकारिक हज प्रतिनिधिमंडल के लिए कुछ नाम सुझाए थे लेकिन फारूक अब्दुल्ला ने उन नामों को हटा दिया था. पुस्तक में आगे बताया गया कि जब छह दिसंबर 1998 को वाजपेयी ने श्रीनगर का दौरा किया तब उनकी मुलाकात स्थानीय सरकार के मंत्रियों से प्रस्तावित थी लेकिन थोड़ी देरी के कारण यह मुलाकात स्थगित हो गई थी| सिन्हा ने लिखा, ‘इसका खामियाजा वाजपेयी को भुगतना पड़ा| उमर अब्दुल्ला ने विश्वास मत के समर्थन में मतदान किया वहीं सोज ने उसके खिलाफ|’ उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल (I K Gujral) ने भी सरकार गिराने के लिए मतदान किया था. वह अकाली दल की सहायता के बगैर जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव नहीं जीत सकते थे जबकि अकाली दल उस समय सरकार का हिस्सा था|

    लालू ने खेला खेल
    सिन्हा ने पुस्तक में दावा किया है कि जनता दल के नेता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) उस वक्त नहीं चाहते थे कि उनकी पार्टी लालू यादव (Lalu Yadav) के साथ मतदान करे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सरकार गिराने में भूमिका निभाई. लालू यादव की पार्टी उस समय बिहार में सत्ता में थी और जनता दल के नेता पासवान को मनाने में सफल रहे. हालांकि बाद में पासवान जनता दल से अलग हो गए और फिर बीजेपी (BJP) से हाथ मिलाकर वह केंद्र में मंत्री भी बने.

    Ashok Gehlot के लिए अच्छे संकेत नहीं,Ajay Makan जयपुर पहुँचे।Sachin Pilot|Rajasthan
    Follow on Google News Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on YouTube Follow on WhatsApp
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram WhatsApp Copy Link

    Keep Reading

    सुहागरात पर बोली- मुझे अजमेर दरगाह जाना है… फिर दूल्हे को चकमा देकर भागी दुल्हन

    छपरा में युवक ने सरेराह 8 राहगीरों को मारा चाकू, गुस्साए लोगों ने कर दी पिटाई, हुई मौत

    SIR में कटे जिनके नाम, उनकी नहीं निकलेगी लिस्ट… चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?

    बीजेपी ने प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानू को पार्टी से निष्कासित किया, वजह बने सत्यपाल मलिक और जगदीप धनखड़?

    9650003420 पर मिस्ड कॉल दें… वोट चोरी पर राहुल गांधी ने लॉन्च की वेबसाइट

    बिहार के 3 लाख घरों के हाउस नंबर 000 या 0/0000… चुनाव आयोग पर फिर बरसे तेजस्वी यादव

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube

    राज्य -  दिल्ली    उत्तर प्रदेश    उत्तराखण्ड    मध्य प्रदेश    छत्तीसगढ़    हिमांचल प्रदेश    पंजाब    झारखण्ड    बिहार   राजस्थान    हरियाणा

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.