आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार (4 मार्च) को अपने परिवार के साथ 10 दिवसीय विपश्यना सत्र के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंचे. आज यानी (Arvind Kejriwal reached Hoshiarpur with his family) बुधवार (5 मार्च ) को वो मेडिटेशन सेंटर पहुंचे हैं. रात को वह होशियारपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर चौहाल में नेचर हट में रुके थे. केजरीवाल होशियारपुर से सीधे चौहाल ही पहुंचे थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल होशियारपुर से करीब 11 किलोमीटर दूर आनंदगढ़ गांव में स्थित धम्म धजा विपश्यना केंद्र में 10 दिवसीय विपश्यना सत्र में शामिल हुए. इस बार वह अपने परिवार से साथ ध्यान लगाने के लिए आए हैं. यहां पर साधना के लिए वो 10 दिन यानी 15 मार्च तक रहेंगे.
पहले भी विपश्यना सत्र में शामिल होते रहे हैं केजरीवाल
इससे पहले भी केजरीवाल विपश्यना सत्र में शामिल होते रहे हैं. वो जयपुर, नागपुर, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के पास धर्मकोट और बेंगलुरु सहित कई स्थानों पर जा चुके हैं. यह दूसरी बार है जब केजरीवाल विपश्यना सत्र के लिए आनंदगढ़ आए हैं. इससे पहले उन्होंने दिसंबर 2023 में 10 दिवसीय सत्र में भाग लिया था. आज सुबह छह बजे से ही केजरीवाल की साधना की शुरुआत हो चुकी है.
क्या है विपश्यना
विपश्यना ध्यान के लिए एक प्राचीन भारतीय विधि है जो आत्म-अवलोकन के माध्यम से आत्म-परिवर्तन पर केंद्रित है. यह एक प्रकार का ध्यान है जो आत्म-जागरूकता और मन की शांति पर केंद्रित है. यह चीजों को उनके वास्तविक रूप में देखने पर केंद्रित है. विपश्यना ध्यान बौद्ध धर्म के सबसे पुराने विचारधारा थेरवाद से आया है. विपश्यना साधक चीजों को वैसे ही समझने की कोशिश करते हैं जैसे वे वास्तव में हैं, शांति, जागरूकता और मन की स्थिति से दुनिया का अवलोकन करते हैं.
चुनाव हारने के बाद पहली बार दिल्ली से बाहर गए केजरीवाल
हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए, उन्होंने खुद को पार्टी से संबंधित गतिविधियों तक ही सीमित कर रखा है. यह पहला मौका कि चुनाव नतीजे आने के बाद वो पहली बार दिल्ली से बाहर गए हैं.
Arvind Kejriwal reached Hoshiarpur with his family – चुनाव की बात करें तो 10 सालों तक दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार चुनाव में करारी शिकस्त मिली पार्टी 70 सीटों में महज 22 सीटों पर ही जीत दर्ज सकी. AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल समेत मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 48 सीट जीतकर दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी का वर्चस्व खत्म कर दिया.