जम्मू कश्मीर और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते हाहाकार मचा हुआ है. बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाएं रोज सामने आ रही हैं. अब तक कई लोगों की मौत इन घटनाओं की वजह हो गई है. वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई लोगों की जान गई. वहीं पंजाब (yatra route after landslide) में 1000 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.  

जम्मू में हादसे के बाद वैष्णो देवी यात्रा कुछ दिन के लिए बंद कर दी गई है. इसे लेकर बारीदार समुदाय के सदस्यों के एक ग्रुप ने शनिवार को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और रियासी जिले में मंदिर जाने वाले पुराने मार्ग पर हाल ही में हुए भूस्खलन की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की. 

इस भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हुए थे.वैष्णो देवी तीर्थयात्रा शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी स्थगित रही, जिससे सैकड़ों तीर्थ यात्री कटरा में ही फंस गए. भारी बारिश के बाद सड़क और रेल मार्ग से कटरा का संपर्क टूट गया है. बारीदार समुदाय में वैष्णो देवी मंदिर से जुड़े पुजारियों के परिवार शामिल हैं. काले झंडे लेकर श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में बारीदार समुदाय के सदस्य सड़कों पर उतर आए और बोर्ड के पुनर्गठन की मांग की.

yatra route after landslide – बारीदार समुदाय के सदस्यों ने बोर्ड में स्थानीय विधायक और सांसद के अलावा बारीदार समुदाय के दो सदस्यों को भी शामिल करने की मांग की.अध्यक्ष शाम सिंह ने 26 अगस्त को वैष्णो देवी में हुई भूस्खलन की घटना के लिए श्राइन बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि मामले को दबाने के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को जांच सौंपी गई.  

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