Water Consevation – जल ही समृद्धि का आधार है। भारत कृषि प्रधान देश है और कृषि का विकास तथा किसानों की उन्नति का आधार ही जल है। अगर हमें खेती में उन्नति का करना है तो वर्षा के जल को सहेजना (Water Consevation) होगा। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने ग्राम दिवड़िया में आयोजित जिला स्तरीय जल संसद कार्यक्रम में कही।डॉ. चौधरी ने कहा कि जिले के गांवों को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जन सहयोग से जल संरक्षण (Water Consevation) एवं संवर्धन के कार्य किए जाएंगे, सभी नागरिक बारिश का जल सहेजने के लिए तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण कंटूर निर्माण आदि में अपना सहयोग करें, ताकि पानी के क्षेत्र में हर गांव आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि हमें समाज के साथ मिलकर पानी को रोकने के लिए पूरे समर्पण के साथ काम करना होगा। सामूहिक प्रयासों और सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सफलता के लिए जनभागीदारी जरूरी है।
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डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार जिले में वर्षा के जल को सहेजने एवं भूमिगत जल बढाने के लिए अधिक से अधिक काम किए जा रहे है। जिले के सभी नागरिकों का भी दायित्व है कि वे जल संरक्षण के कार्यों में अपना पूरा-पूरा सहयोग करें।कार्यक्रम में इछावर विधायक करण सिंह वर्मा, आष्टा विधायक रघुनाथ मालवीय तथा जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मालवीय ने संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण आज की महती आवश्यकता है। नागरिक, सरकार और समाज मिलकर जल संरक्षण के लिए काम करेंगे तो निश्चित जलाभिषेक अभियान के उद्देश्य को पूरा कर सकेंगे।
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जल अभिषेक अभियान अंतर्गत कार्य योजना
जिले में जल अभिषेक अभियान अंतर्गत कार्य योजना के तहत ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन एवं लिये जाने वाले कार्य तालाब, चेकडेम, स्टापडेम, कंटूरट्रेंच, रूफवाटर हार्वेस्टिंग, सोख्तागड्डा कार्यों का प्रस्ताव प्राप्त करना एवं उनका अनुमोदन करना, स्थानीय नागरिकों एवं ग्राम पंचायत प्रधान की अध्यक्षता में जल संग्रहण एवं जल संवर्धन के कार्यों की आवश्यकता से परिचित कराने के लिए जल यात्रा का आयोजन, ग्राम सभा से अनुमोदित कार्य योजना के आधार पर संबंधित विभागों से कार्यों की ड्राईंग, डिजाइन एवं प्राक्कलन 07 अप्रैल 2022 तक तैयार करना, चयनित समस्त कार्यो की स्वीकृतियां 9 अप्रैल 2022 तक जारी करना, 10 अप्रैल 2022 तक समस्त स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ करना, 22 जून 2022 एवं मार्च 2023 तक कार्यों को पूर्ण कराना कार्य शामिल है।
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पुरानी जल संरचनाओं के मरम्मत के स्वीकृत कार्य
जल अभिषेक, पुष्कर धरोहर अभियान अंतर्गत जिले में कुल 612 कार्यो का चिन्हांकन किया गया है। जिसमे से 364 तालाब, 139 चेक डेम एवं 109 स्टॉप डेम, जीर्णोद्वार, मरम्मत के लिए स्वीकृत किये गये है। सिंचाई कार्य के लिए 242 तालाब, मत्स्य पालन के लिए 88 एवं सिंघाडा उत्पादन के लिए 34 तालाबों के कार्य लिये गये है। चेक डेम अंतर्गत 138 कार्य सिंचाई एवं 01 कार्य मत्स्य पालन के लिए लिया गया है। स्टॉप डेम अंतर्गत 107 कार्य सिंचाई एवं 02 कार्य मत्स्य पालन के लिए लिये गये है।