लखनऊ : निकाय चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुट गये हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस प्रदेश में अपनी संभावनाएं तलाश रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गयी है, जबकि भाजपा इसे लोकसभा चुनाव की (UP Civic Elections) सेमी फाइनल मानकर चल रही है। हालांकि नगरीय निकाय चुनाव में जीत को लेकर भाजपा आश्वस्त है, लेकिन पिछले चुनाव में दो महापौर की सीट जीतने के बाद बसपा भी इसकी तैयारी को लेकर गंभीर है।

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पिछले नगर निकाय चुनाव में 16 नगर निगम के चुनाव हुए थे, जिसमें 14 पर कमल खिला था। अलीगढ़ और मेरठ में बसपा ने परचम लहराया था। किसी भी नगर निगम में समाजवादी पार्टी चुनाव जीत नहीं सकी थी। इस बार नगर निगमों की संख्या 17 हो गयी है। इसमें समाजवादी पार्टी युवाओं को तरजीह देने पर विचार कर रही है। वहीं इस बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज होने के बाद कांग्रेस भी अपनी खोयी हुई जमीन तलाशने में जुटी हुई है। हालांकि नगर पंचायतों में समाजवादी पार्टी बहुत हद तक भाजपा का पीछा करने में सफल रही थी। भाजपा ने जहां 100 सीटों पर कब्जा किया था, वहीं सपा की 83 सीटें थे, जबकि बसपा के 45 नगर पंचायत अध्यक्ष जीते थे।

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UP Civic Elections – वहीं नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर भाजपा ने 67 सीटों पर कब्जा जमाया था तो सपा 45 सीटों पर ही सीमट कर रह गयी थी, जबकि बसपा ने 27 सीट जीता था। वहीं कांग्रेस नौ सीटों पर सिमट कर रह गयी थी। इस बार भाजपा ने बहुत पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं विपक्ष अपनी सीटें बढ़ाने के लिए विभिन्न तरह के उपायों पर मंथन कर रहा है। कांग्रेस की कोशिश है कि वह अपनी सीटों को बढ़ाकर लोकसभा के लिए अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भर सके। वहीं बसपा और समाजवादी पार्टी भी अपने-अपने तरीके से चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं।

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