सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की आरडब्ल्यूए की ट्विन टावर (Twin Tower Demolished) को लेकर लड़ाई आखिरकार रविवार को अंजाम तक पहुंच गई। आरडब्ल्यूए ने करीब 12 साल तक संघर्ष किया। लड़ाई को शुरू करने के लिए चंदा इकठ्ठा किया। ट्विन टावर ढहने के साथ ही आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने एक-दूसरे को बधाई दी। आरडब्ल्यूए का कहना है कि टावर की जगह पार्क और हरियाली से जुड़े क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया (रिटायर्ड डीआईजी) ने ट्विन टावर को लेकर लड़ाई की शुरुआत अकेले मार्च 2010 में की थी। तेवतिया पहले भी आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके बाद उदयभान सिंह की बिल्डर के खिलाफ इस मुहिम में सोसाइटी के लोग जुटते गए। वर्ष 2009 में सोसाइटी परिसर में एपेक्स और सियान टावर बनने शुरू हुए थे।
इस सोसाइटी में रहने वाले उदयभान सिंह तेवतिया ने कई महीनों तक बिल्डर-प्राधिकरण के चक्कर काटे। लेकिन प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सोसाइटी में आरडब्ल्यूए का गठन किया गया। उदयभान ने बताया कि आरडब्ल्यूए ने 2012 में सोसाइटी में बन रहे अवैध टावर को लेकर याचिका दायर की थी। उदयभान सिंह ने कहा कि संघर्ष कामयाब हुआ। वहीं, आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि आज खुशी का दिन है। ध्वस्तीकरण करने वाली कंपनी ने जो प्रस्तुतीकरण दिया था, उसी अनुसार सब कुछ हुआ।
Twin Tower Demolished – नोएडा प्राधिकरण और बिल्डर से कोई मदद नहीं मिलने पर कानूनी समिति का गठन किया गया। लड़ाई न्यायालय में लड़ने के लिए वकील करने को पैसों की जरूरत थी। ऐसे में उदयभान सिंह और कानूनी समिति के 40 लोगों की टीम ने अन्य फ्लैट वालों से इसको लेकर चंदा इकट्ठा किया। लड़ाई हाईकोर्ट पहुंचने के बाद सोसाइटी के फ्लैट मालिकों से तीन-तीन हजार रुपये चंदा लिया गया। 11 अप्रैल 2014 में हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला लिया और टावरों को ध्वस्त करने के आदेश दिए तो पूरी सोसाइटी साथ आ गई।
इसे भी पढ़ें – दिल्ली में अगले वर्ष शुरू होगा 11 नए अस्पतालों का निर्माण, 10 हजार बेड बढ़ेंगे
बिल्डर के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए सोसाइटी में कानूनी समिति का गठन किया गया था। इसमें सदस्य के रूप में एमके जैन शामिल हुए। उन्होंने उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक बिल्डर-प्राधिकरण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की लेकिन, इस मामले में पिछले साल कोर्ट का फैसला आने से पहले ही वे दुनिया से विदा हो गए।