- इस दिवस का उद्देश्य
नई दिल्ली। हर साल आज के दिन यानी 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह अवसर लड़कियों के महत्व को लोगों को बताता है और उनके लिए अवसर खोलकर उनकी शक्ति और क्षमता की पहचान करने का प्रयास करता है। वहीं इस दिन का एकमात्र उद्देश्य दुनिया भर में युवा लड़कियों की आवाज़ को बढ़ाना और उन्हें सशक्त बनाना है।
बता दें कि इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए लड़कियों से संबंधित मुद्दों के बारे में बात करते हैं और इसके साथ ही उन्हें खत्म करने का प्रयास किया जाता है। दरअसल, दुनिया भर में, लड़कियों को बाल विवाह, भेदभाव, हिंसा और सीखने के खराब अवसरों जैसी लिंग आधारित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वहीं आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2021 ‘डिजिटल जनरेशन’ की थीम पर आधारित है।
इतिहास
दरअसल, बालिकाओं के अधिकारों की पहचान और चर्चा करने वाला पहला सम्मेलन बीजिंग घोषणापत्र था। बता दें कि 1995 में बीजिंग में महिलाओं पर हुए विश्व सम्मेलन में कई देशों ने सर्वसम्मति से बीजिंग घोषणा और कार्रवाई के लिए मंच को अपनाया। जिसे न केवल महिलाओं बल्कि लड़कियों के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अब तक का सबसे प्रगतिशील घोषणा माना जाता है।
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2011 को एक प्रस्ताव पारित किया। जिसमें 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन मुख्य रूप से दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने और उन्हें सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
उद्देश्य
बता दें कि सतत विकास लक्ष्यों को 2017 में अपनाया गया था जिसमें लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण प्राप्त करना शामिल है। सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को पूरा करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस सबसे उत्तम है, जिसका उद्देश्य उन युवा लड़कियों की सहायता करना है जिनके पास बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा में समान अवसर और बिना लिंग-आधारित भेदभाव वाले अवसर प्राप्त नहीं हैं