आजकल बहुत से लोग शेयर बाजार में पैसा लगाने लगे हैं. कोई तो मुनाफा कमाने की उम्मीद में आता है, तो कोई बस दूसरों को देखकर ही निवेश कर देता है. लेकिन एक बात जो कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वो है “रिस्क” यानी नुकसान का खतरा. शेयर बाजार ऐसा नहीं है कि रोज़ आपको फायदा ही होगा. यहां उतार-चढ़ाव बहुत आम बात है. जिस (risk factor of stock market) तरह शेयर की कीमतें ऊपर जाती हैं, वैसे ही कभी भी अचानक नीचे भी गिर सकती हैं. और जब गिरती हैं, तो सीधा असर आपके पैसों पर पड़ता है. मतलब ये कि जितना मुनाफा हो सकता है, उतना ही बड़ा नुकसान भी हो सकता है.
शेयर बाजार में रिस्क फैक्टर का मतलब होता है कि आपने जो पैसा लगाया है, उसमें कितना नुकसान हो सकता है. बाजार हर दिन ऊपर-नीचे होता रहता है , शेयरों, म्यूचुअल फंड और डेरिवेटिव्स की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं. इन्हीं उतार-चढ़ाव की वजह से आपके लगाए हुए पैसे की वैल्यू कम भी हो सकती है.
risk factor of stock market – अगर बाजार गिरता है, तो आपके निवेश की कीमत भी घट जाती है. यही असली जोखिम होता है शेयर बाजार का. उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए आपने किसी शेयर में ₹1,0000 लगाए. अगर बाजार नीचे चला गया, तो आपकी ये रकम ₹8000, ₹5000 या कभी-कभी ₹3000 तक भी गिर सकती है. ऐसे में अगर आपने बिना सोचे-समझे या रिस्क को जाने बिना पैसा लगा दिया, तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.