सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार अम्मार रहमान की जमानत रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत (supreme court refuses to cancel bail) की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि रहमान के मोबाइल फोन से बरामद सामग्री उसे आईएसआईएस का सदस्य साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है और न ही अन्य साक्ष्य उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त माने जा सकते हैं.

पीठ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ अन्य सबूत उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मुकदमा लंबित रहने तक रहमान को कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना विदेश जाने की अनुमति नहीं होगी.

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अम्मार रहमान पर आरोप है कि उसने कथित रूप से सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आईएसआईएस के कई प्रचार चैनलों का संचालन किया और हिंसक जिहादी विचारधारा को फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई.

supreme court refuses to cancel bail – आरोपों के मुताबिक, वह कमजोर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने की कोशिश कर रहा था. इसके अलावा, रहमान और उसके साथियों ने आईएसआईएस-नियंत्रित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना भी बनाई थी.

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