केंद्र सरकार ने हाल ही में देश की मैपिंग नीति में व्यापक बदलाव किया है, जिसे विशेषज्ञों ने एक बहुत बड़ा सकारात्मक कदम माना है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले समय में इस क्षेत्र में तेजी से इनोवेशन यानी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी(science & technology) विभाग का मानना है कि वैश्विक स्तर पर जो चीज आसानी से उपलब्ध है, उसे भारत में प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है और इसलिए जो भू-स्थानिक डेटा प्रतिबंधित था अब भारत में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध होगा। भारत के क्षेत्र के भीतर डिजिटल जियोस्पेशियल डेटा और मैप्स को इकट्ठा करने, तैयार करने, प्रचारित करने, स्टोर करने, प्रकाशित करने, अपडेट करने से पहले पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी।
नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी (डीएसटी) सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित ऑनलाइन अभिनंदन समारोह में कहा कि भू-स्थानिक नीतियों के उदारीकरण से इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और सार्वजनिक के साथ-साथ निजी क्षेत्र के लिए भी समान प्रतिस्पर्धा का अवसर बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि नए दिशा-निर्देशों के तहत क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त करने के साथ मंजूरी हासिल करने जैसे पहलुओं को दूर किया गया है। अब से भू-स्थानिक आंकड़े के अधिग्रहण और उत्पादन के लिए पहले से मंजूरी लेना, सुरक्षा मंजूरी, लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।
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अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने में सहायक
science & technology : सचिव ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए भू स्थानिक प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस एक निर्णय से भारत की भू-मानचित्रण क्षमता का उपयोग सभी क्षेत्रों में देश के उच्च लक्ष्य के लिए किया जा सकेगा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए केवल इसकी भू-मानचित्रण क्षमता तक सीमित नहीं होगा। वहीं उन्होंने सभी हितधारकों से भू स्थानिक डाटा के विभिन्न पहलुओं के बारे में सिफारिशें, अंतर्दृष्टि एवं सलाह तथा नीति को मजबूत करने की दिशा में पूरे इकोसिस्टम का उपयोग कैसे किया जाए, जैसी जानकारियां सब तक पहुंचाने की भी बात कही।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह भू-स्थानिक आंकड़ों (डाटा) के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों के उदारीकरण की घोषणा की थी। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने का यह निर्णय डिजिटल इंडिया को एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगा। जियोस्पेशल डेटा के अधिग्रहण और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली उदारवादी नीतियां एक आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी दृष्टि में एक बड़ा कदम है।
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