महाकुंभ से हर्षा रिछारिया सुर्खियों में आईं. वो मॉडल ने साध्वी बन गईं. अब उन्होंने 14 अप्रैल सोमवा से ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ शुरू की है. उनकी इस पदयात्रा का मकसद युवाओं (now started this new work) को सनातन धर्म से जोड़ना है. हर्षा रिछारिया की ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ सोमवार को वृंदावन के श्रीराम मंदिर से शुरू हुई. ये सात दिनों की पदयात्रा है. पदयात्रा का समापन 21 अप्रैल को संभल में होगा.
now started this new work – पदयात्रा के क्रम में मंगलवार को हर्षा रिछारिया अलीगढ़ के इगलास कस्बे में पहुंचीं. यहां स्थानीय लोगों द्वारा उनका स्वागत किया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को सनातन धर्म और अपने परिवार से जोड़ना उनका मकसद है. क्योंकि सनातन दुनिया का सबसे उत्कृष्ट धर्म है. हर्षा रिछारिया ने कहा कि ये पदयात्रा 175 किलोमीटर की है. जो संभल तक पहुंचेगी.
यात्रा सफल बनाने के लिए जनसंपर्क अभियान में तेज
उन्होंने कहा कि इस ‘सनातन युवा जोड़ो पदयात्रा’ के जरिये युवाओं को सनातन संस्कृति की गहराई, उसके मूल्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवगत कराया जाएगा. इस यात्रा के माध्यम में युवा श्रीकृष्ण के द्वापर युग से लेकर कलियुग में कल्कि अवतार तक की सनातन परंपरा को समझाने का प्रयास किया जाएगा. यात्रा सफल हो इसके लिए जनसंपर्क अभियान में तेजी लाई गई है.
सोशल मीडिया पर भी पदयात्रा का प्रचार
बता दें कि हर्षा का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ. हालांकि बाद में उनका परिवार भोपाल जाकर बस गया. भोपाल में उनके माता-पिता आज भी रहते हैं. हर्षा ने मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में एंकरिग की. वक्त के साथ उनका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ा. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड में लंबे समय तक तप साधना की. फिर सनातन धर्म का प्रचार करने लगीं.