
पीजीआईएमएस में रक्तदान करता कॉन्स्टेबल राजेश कुमार।
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रोहतक में चार बच्चों को खो चुकी मां के लिए रोहतक पुलिस का कॉन्स्टेबल गुरुवार की रात मसीहा बनकर आया और एक यूनिट रक्त देकर उसकी दो दिन की बच्ची को बचाया। दरअसल, पीजीआईएमएस, नागरिक अस्पताल से लेकर आसपास के जिलों में बी नेगेटिव ग्रुप का रक्त नहीं मिल रहा था। आप और हम सामाजिक संस्था ने एसपी को पत्र लिखकर कॉन्स्टेबल राजेश कुमार को सम्मानित करने की मांग की है।
संस्था के सदस्य एवं व्यापारी नेता गुलशन निझावन और विकास मिश्रा ने बताया कि गुरुवार रात एक बजे पीजीआईएमएस में दाखिल सिरसा की एक महिला के पति की कॉल आई। बोला, उसके चार बच्चों की पहले मौत हो चुकी है। अब बेटी ने जन्म दिया है, जो दिन की है। उसे बी नेगेटिव ग्रुप का रक्त चाहिए, नहीं तो उसकी जान नहीं बचेगी।
इस ग्रुप का रक्त पीजीआईएमएस या सिविल अस्पताल में नहीं है। संस्था ने अपने रक्तदाओं से संपर्क किया, लेकिन रात दो बजे बी नेगेटिव ग्रुप के रक्तदाताओं से संपर्क नहीं हो सका। आखिर में तय किया कि पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 से सहायता मांगी जाए।
विकास मिश्रा ने कॉल करके पूरे मामले से अवगत कराया। पुलिस तुरंत हरकत में आई और वीटी की गई। जो भी पुलिसकर्मी बी नेगेटिव ग्रुप का है, वह पीजीआईएमएस पहुंचकर रक्तदान करें, ताकि दो दिन की बच्ची की जान बच जाए। तब राइडर पर तैनात कॉन्स्टेबल राजेश कुमार पीजीआईएमएस पहुंचें और रक्तदान किया।
बहुत कम लोगों का है बी नेगेटिव ग्रुप
संस्था आप और हम के सदस्य गुलशन निझावन का कहना है कि उनकी संस्था 24 घंटे जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय रहती है। खासकर विकास मिश्रा, भारत भूषण और चिराग बेरी सक्रिय रहते हैं। बी नेगेटिव ब्लड ग्रुप 100 में से एक या दो लोगों का ही मिलता है। एसपी को पत्र लिखकर कॉन्स्टेबल राजेश को सम्मानित करने की मांग की है।