जम्मू : ऑप्रेशन सिंदूर के दौरान भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लश्कर-ए-तैयबा की विकेंद्रीकरण नीति की नकल करते हुए 300 से अधिक मस्जिदों के निर्माण की आड़ में बड़े पैमाने पर धन जुटाने का अभियान शुरू किया है। सुरक्षा अधिकारियों ने सीमा पार से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान की ‘इंटर-सर्विसेज इंटैलीजैंस’ की मदद से धन जुटाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है और वह इसके लिए अपने संस्थापक और सर्वाधिक वांछित आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों द्वारा (new trick of Jaish E Mohammed) नियंत्रित ‘ईजीपैसा’ और ‘सदापे’ जैसे ‘डिजिटल वॉलेट’ का इस्तेमाल कर रहा है ताकि वह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफ.ए.टी.एफ.) जैसी वैश्विक एजैंसियों की जांच से बच सके।
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new trick of Jaish E Mohammed – पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचों पर मिसाइल हमले किए थे। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर भीषण सैन्य टकराव हुआ। बाद में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने पर 10 मई को सहमति बनी। अधिकारियों ने बताया कि ऑप्रेशन सिंदूर के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय ‘मरकज सुभानअल्लाह’ के साथ-साथ 4 अन्य प्रशिक्षण शिविर मरकज बिलाल, मरकज अब्बास, महमोना जोया और सरगल प्रशिक्षण शिविर नष्ट हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने इन नष्ट हो चुकी इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए धन मुहैया कराने की घोषणा की है, वहीं जैश-ए-मोहम्मद ने पूरे पाकिस्तान में मस्जिदों के निर्माण की आड़ में 313 नए मरकज भवन बनाने के लिए 3.91 अरब रुपए इकट्ठा करने के मकसद से डिजिटल वॉलेट के जरिए ऑनलाइन धन जुटाने का अभियान शुरू किया है।