रामपुर लोकसभा उपचुनाव (Rampur By Election) में कांग्रेस नेता द्वारा भाजपा को समर्थन देने से पार्टी बैकफुट पर आ गयी है। कांग्रेस द्वारा अपनी पार्टी के उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने के फैसले ने नाराज पार्टी नेता नवाब काजिम अली खान ने भाजपा के समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने अपने फैसले के लिए उन्होंने कांग्रेस महासचिव और पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से माफी भी मांगी है। बता दें कि रामपुर से भाजपा की तरफ से घनश्याम सिंह लोधी उपचुनाव लड़ेंगे।

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Rampur By Election – प्रियंका को लिखे अपने पत्र में काजिम ने लिखा कि वह कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी में कुछ लोगों ने नेताओं को गुमरा किया और किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने के लिए मना लिया। उन्होंने कहा, मैं फिलहाल कांग्रेस से जुड़ा हूं और पार्टी के साथ रहूंगा। यूपी में पार्टी के खिलाफ प्रतिकूल राजनीतिक माहौल के बावजूद, मैंने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। काजिम ने कहा कि मैं अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति को समर्थन और वोट देने के लिए स्वतंत्र हूं।

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काजिम का यह फैसला सोमवार शाम लोधी के पूर्व नूर महल पैलेस में उनसे और उनके बेटे हैदर अली खान से मिलने के बाद आया। लोधी ने आजम विरोधी गुट के कुछ अन्य सदस्यों से भी मुलाकात की, जिनमें रामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक अफरोज अली खान भी शामिल हैं। अफरोज अली ने 1996 के विधानसभा चुनावों में आजम को हराया था। अफरोज अली ने कहा कि चूंकि कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है, इसलिए मेरे पास भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

काजिम आजम खान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों आमने-सामने हुए थे लेकिन यहा आजम खान ने जेल में रहकर भी बाजी मार ली। रामपुर की विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों में पिछले 40 वर्षों से आजम और नूर महल के बीच राजनीतिक खींचतान देखी जा रही है। इसके अलावा, नवाब काजिम मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।

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