- अब स्मारकों पर फिल्म शूटिेंग के लिए प्रतिदिन देना होगा शुल्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्मारकों और पुरास्थलों के अनुरक्षण एवं विकास के लिए ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ नीति को तैयार किया गया है।
जिसके तहत सबसे पहले चरण में पुरातत्व निदेशालय ‘स्मारक मित्र’ बनाने के लिए 11 प्रमुख स्मारकों का चयन किया है। इस नीति से अप्रत्यक्ष रूप से जनसामान्य के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार वर्तमान फिल्म नीति बना रही है जिसका उद्देश्य यूपी की सांस्कृतिक, पौराणिक, ऐतिहासिक विरासत और गौरवशाली परंपरा को देश-विदेश में प्रचारित-प्रसारित करना है।
ताकि लोगों को उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि का पता चल सके। इस संबंध में प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम के द्वारा शासनादेश भी जारी किया जा चुका है।
इस शासनादेश के अनुसार यूपी राज्य पुरातत्व विभाग ने संरक्षित पुरास्थलों-स्मारकों पर शूटिंग करने के लिए यूपी सरकार ने पृथक से नियम बनाये जाने तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, संस्कृति मंत्रालय, केंद्र सरकार ने जारी अधिसूचना 31 जुलाई 2015 को शुल्क निर्धारण के लिए यूपी में लागू कर दिया है।
बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शर्तें निर्धारित की है और नियमों के अधीन फिल्म बनाने के लिए शुल्क संरचना भी निर्धारित की है।
जिसके आधार पर राज्य पुरातत्व विभाग यूपी में संरक्षित स्मारकों-स्थलों में फिल्मांकन के लिए 10000 रुपए सहित सुरक्षा जमा सहित 50,000 रुपए हर दिन शुल्क नियमों एवं शर्तों के अधीन निर्धारित किया है।
राज्य संरक्षित स्मारकों-स्थलों में जो फिल्म बनाना चाहते है उन संस्थाओं को निदेशक राज्य पुरातत्व विभाग को कम से कम एक सप्ताह पहले आवेदन पत्र देना होगा।
स्मारकों-स्थलों की सुरक्षा, संरक्षा एवं धरोहर को ध्यान में रखते हुए जिन शर्तों को निर्धारित किया गया हैं। उन्ही को निदेशक राज्य पुरातत्व विभाग अनुमति देगा।