वृंदावन में प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उनके पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई थी. इस कारण उनके भक्त काफी ज्यादा मायूस थे. क्योंकि उन्हें अपने महाराज के दर्शन जो सुबह प्रातः काल के समय पदयात्रा में होते थे वह नहीं हो पा रहे थे. मगर उनके चेहरे तब खिल उठे जब प्रेमानंद महाराज ने अपने आश्रम से निकलकर परिक्रमा मार्ग तक भक्तों को दर्शन दिए.
महाराज की पदयात्रा के चलते दर्शन न होने के कारण भक्त काफी ज्यादा मायूस दिखाई देने लगे थे. लेकिन जब से यह पता लगा कि प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो और ज्यादा भारी तादाद में भक्त रात्रि के समय पदयात्रा में खड़े होकर उनका इंतजार करने लगे.