मध्य प्रदेश : बिजली संकट (Power Crisis) को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पार्टी के नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर यह मांग की है। पत्र में बिजली की स्थिति का हवाला दिया और कहा है कि संकट को देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाये।
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विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कोयला संकट और कुप्रबंधन की वजह से ताप विद्युत गृह बिजली उत्पादन में बंद होने की कगार पर है। मध्य प्रदेश पॉवर जनरेशन कंपनी के चार में से तीन प्लांट बंद होने की स्थिति में हैं। सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में बताया है कि संजय गांधी थर्मल पॉवर प्लांट, सतपुड़़ा थर्मल पॉवर प्लांट और श्रीसिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट कोयले की कमी और कुप्रबंधन की वजह से आधी क्षमता से ही बिजली उत्पादन हो पा रहा है। इसकी वजह से प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति बन गई हैं।
Power Crisis – नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में बताया है कि कुछ निजी बिजली कंपनियों से एक भी यूनिट बिजली लिए बिना 900 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। अब बिजली उत्पादन के लिए कोयला संकट की वजह से विदेश से कोयला खरीदा जा रहा है। वहीं, इसके विपरीत सरकार दावा कर रही है कि कोयले की कमी नहीं है। विदेश से कोयला खरीदे जाने पर उन्होंने शंका जताई और कहा कि प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है जबकि बिजली उपभोक्ताओं से मनमाने ढंग से बिजली दरों को बढ़ाकर वसूली की जा रही है।
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डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि बिजली संकट की वजह से कई बार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। इस कारण शहर और गांव में पानी सप्लाई पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसी तरह उद्योग-धंधों की बिजली सप्लाई भी नियमित नहीं होने से उनका उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने कहा है कि इसलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत है।