मेहल कलां: पंजाब के एक गांव नई पहल करते हुए बड़ा ऐलान किया है। बरनाला के मेहल कलां विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला गांव चन्नणवाल पर्यावरण संरक्षण और कृषि सुधार के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है। सरपंच कुलविंदर कौर धालीवाल और समाजसेवी गुरजंट सिंह धालीवाल के नेतृत्व में और बरनाला के डिप्टी कमिश्नर टी. बेनिथ के सहयोग से ग्राम पंचायत ने गेहल रोड पर गांव चन्नणवाल की सीमा में स्थित 13 एकड़ पंचायती जमीन पर पराली प्रबंधन के लिए एक विशाल डंप साइट तैयार की है।

सरपंच कुलविंदर कौर धालीवाल, नंबरदार और समाजसेवी गुरजंट सिंह धालीवाल, बाबा यादविंदर सिंह, कुलवीर सिंह गिल और बलविंदर सिंह फौजी ने बताया कि पंचायत द्वारा यह डंप किसानों के कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य धान की पराली को इकट्ठा करना और उसका संरक्षण करना है ताकि उसे जलाने के बजाय पर्यावरण के अनुकूल तरीके से इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने बताया कि चन्नणवाल, गेहल, रायसर और बिहाल गांवों तथा आस-पास के अन्य गाँवों के किसान अपनी धान की पराली को इस डंप पर इकट्ठा करके ला सकेंगे।

इकट्ठी की गई पराली को जलाने के बजाय, उसे सीबीसी गैस इकाइयों और बिजली संयंत्रों में भेजकर ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से वायु प्रदूषण कम होगा, खेतों की उर्वरता बढ़ेगी और स्वस्थ वातावरण का निर्माण होगा। सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने घोषणा की कि अब गांव का कोई भी किसान पराली नहीं जलाएगा। समाजसेवी गुरजंट सिंह धालीवाल और न्यू बरनाला ग्रुप के नेता बलजिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह परियोजना न केवल चन्नणवाल गाँव के लिए बल्कि पूरे इलाके की पंचायतों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है। उन्होंने सभी किसानों से अपील की कि वे धान की पराली को जलाने के बजाय उसे इकट्ठा करके इस डंप पर भेजें, ताकि प्रदूषण मुक्त पंजाब का सपना साकार हो सके।

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