आंध्र प्रदेश के तिरुमला पर्वत पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर सालों से हिंदू आस्था का प्रतीक बना हुआ है. यहां हर दिन लाखों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर मुख्य रूप से द्रविड़ शैली (worlds richest temple) की वास्तुकला में निर्मित है. मंदिर का अपना विशाल बगीचा है. लगभग 460 एकड़ में फैले इस बगीचे के फूल से ही भगवान वेंकटेश्वर की पूजा होती है.
बगीचे में 1700 से अधिक प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं, जिनमें गुलाब, कमल, कदंब, गेंदा, तुलसी और चंपा सहित अन्य शामिल हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी बताते हैं कि इन फूलों का चयन और सजावट का कार्य सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार होता है. कोई भी कृत्रिम फूल या सजावट का सामान यहां उपयोग में नहीं लाया जाता. फूलों से ही वातावरण में ऐसी सुगंध फैल जाती है जो भक्तों को भक्ति और शांति दोनों का अनुभव कराती है.
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