जबलपुर।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानि ईडब्ल्यूएस को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट (EWS will not get relaxation in age limit) दिए जाने की मांग के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पूर्व में सुरक्षित किया गया आदेश सुना दिया।
कोर्ट ने 20 याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की बहस के मूलभूत बिंदुओं को अभिलेख पर लिया था। इसी के साथ अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। जिसे सार्वजनिक करते हुए मांग अस्वीकार कर दी।
दरअसल, सतना निवासी आदित्य नारायण पांडे सहित 20 ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सहित अन्य ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा था।
EWS will not get relaxation in age limit – आशुतोष चौबे व काशी प्रसाद शुक्ला एवं अन्य और प्रदीप कुमार मिश्रा सहित अन्य की याचिकाओं में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, रमेश प्रजापति, एस कौल ने पक्ष रखा था।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि जिस तरह पूर्व में माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में ईडब्ल्यूएस को पांच वर्ष की आयु सीमा की छूट का लाभ दिया गया था, उसी तरह संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा-2025 के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को भी मिलना चाहिए।ऐसा इसलिए भी क्योंकि ईडब्ल्यूएस भी एससी, एसटी व ओबीसी की भांति आयु सीमा में छूट के लाभ के अधिकारी हैं। केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह केंद्रीय भर्तियों में अन्य वर्गों की भांति ईडब्ल्यूएस को भी आयु सीमा में छूट का प्रविधान करे।