अजमेर : सांसद भागीरथ चौधरी (MP Bhagirath Chodhary) ने मंगलवार को लोकसभा में बजट सत्र के दौरान नियम 377 के अन्तर्गत अविलम्बनिय लोक महत्व के बिन्दू के तहत् चर्चा के दौरान किशनगढ़ अजमेर एयरपोर्ट के मास्टर प्लान को शीघ्र लागू कराते हुए इसके विकास एवं विस्तार का अवरोधक टूंकडा की पहाडियों एवं प्रसार भारती के टावर की उचांई को कम कराने हेतु राज्य सरकार एवं विभागीय स्तर पर आवश्यक एवं सक्षम प्रशासनिक स्वीकृतियां शीघ्र जारी कराने की पूरजोर मांग रखी।
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MP Bhagirath Chodhary – सांसद चौधरी ने सदन एवं केन्द्रीय नागरीक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियां को अवगत कराया कि मेरे संसदीय क्षेत्र अजमेर (राजस्थान) में स्थित किशनगढ़ हवाई अड्डे से वर्तमान में दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, इन्दौर, सूरत एवं मुम्बई की नियमित हवाई सेवायें चल रही है। अजमेर में विश्व प्रसिद्व ख्वाजा साहब की दरगाह तथा पुष्कर तीर्थ है जिसके कारण देश विदेश के कोने – कोने से लोगों का अनवरत आना – जाना बना रहता है। किशनगढ़ एक बड़ा औद्योगिक केन्द्र है जहां बाहर से मार्बल एवं ग्रेनाईट क्रय – विक्रय करने के लिये काफी संख्या में व्यापारी आते है, लेकिन देश के अन्य प्रमुख शहरो के लिये नियमित उड़ाने प्रारम्भ नहीं होने से एयरपोर्ट का अधिकाधिक एवं समग्र उपयोग नहीं हो पा रहा है।
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चूंकि वर्तमान में केन्द्र सरकार की अनूठी ’’उड़ान’’ नामक योजना के तहत महानगरों को छोटे – छोटे शहरो से हवाई मार्ग से जोड़ने की मंशा है। जिसके तहत किशनगढ़ हवाई अड्डे से 10 रूट उड़ान -2 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित भी किये जा चुके हैं, जिसमें से 6 पर हवाई संचालन शुरू हो चुका है और सभी रूट फुल चल रहे हैं। अतः बाकी 4 रूटों यथा लखनऊ, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर पर भी शीघ्र हवाई संचालन शुरू करने की आवश्यकता है। इससे हवाई यात्रियों को अधिकाधिक सुविधा मिल जायेगी। हांलांकि गत वर्ष 2021 में लखनऊ एवं उदयपुर हेतु जूम एयरलाईन द्वारा हवाई सेवा प्रारम्भ की जानी थी। लेकिन किसी कारण उक्त हवाई सेवाओं का संचालन अभी तक प्रारम्भ नहीं हो सका।
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वर्तमान में किशनगढ़ एयरपोर्ट पर इसकी क्षमतानुसार 70 – 80 यात्री भार वाले एयर वाहनों का ही आवागमन हो पा रहा है। केन्द्र सरकार यथा शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करावे तो इस परियोजना पर हुआ करोड़ो का निवेश बहुउपयोगी साबित होगा। किशनगढ. हवाई अड्डे के विस्तार एवं बडें विमानों को उतारने की भावी योजनाओं में इसके पास स्थित ग्राम टूंकड़ा की पहाडियों की उंचाई तथा प्रसार भारती के टावर की उंचाई को कम करना सबसे बड़ी बाधा हैं। जिस हेतु एयरपोर्ट ऑथोरोटी द्वारा इस संबंध में दो बार सर्वे भी कराया जा चुका हैं। अब मात्र राज्य सरकार एवं विभागीय स्तर पर सक्षम प्रशासनीक स्वीकृति जारी की जानी हैं। जोकि काफी समय से लम्बित हैं।
Author – Rahul Verma