ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे (Masjid Survey) कल पूरा हो गया। हिंदू पक्ष ने सर्वे के दौरान वजूखाना से शिवलिंग मिलने का दावा किया। हिंदू पक्ष की मांग पर कोर्ट ने शिवलिंग मिलने की जगह को सील करा दिया है और वजूखाना में आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है। ज्ञानवापी को लेकर एक तरफ कानूनी लड़ाई चल रही है तो दूसरी तरफ अब हिंदू वादी संगठनों और बीजेपी के नेता इस पर मुखर होने लगे हैं। ताजा बयान देवरिया से बीजेपी के विधायक डा.शलभ मणि त्रिपाठी का आया है।

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मंगलवार को एक ट्वीट में वजूखाना में शिवलिंग मिलने पर हैरानी जताते हुए डा.शलभ ने लिखा-‘जानते थे कि पवित्र शिवलिंग है, इसीलिए वहां वजूखाना बना डाला। गौरतलब है कि कल डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ज्ञानवापी प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्‍होंने एक ट्वीट में लिखा था-सत्य को आप कितना भी छि‍पा लीजिये लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि सत्य ही शिव है। बाबा की जय, हर हर महादेव।इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई होने वाली है। उधर, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा है कि जब मुस्लिम पक्ष सर्वेक्षण का हिस्‍सा बन चुके हैं तब वे इसे कैसे चैलेंज कर सकते हैं। सर्वे पूरा हो चुका है।

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Masjid Survey – ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने से उत्पन्न स्थिति पर साधु-संत अगले माह विचार-विमर्श करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को यहां कहा कि 11 और 12 जून साधु-संत हरद्विार में बैठक करेंगे और ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद की स्थिति पर मंथन करेंगे। बैठक में 250 से 300 संत शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी सर्वे में शिवलिंग मिलने से स्वयं सिद्ध हो गया है कि वह मंदिर है। इस साक्ष्य को समस्त देशवासी स्वीकार करेंगे और इसका आदर करेंगे। मामला अभी न्यायालय में है, इसलिए अधिक टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। न्यायालय का निर्णय आने के बाद विश्व हिन्दू परिषद इसके बारे में आगे विचार करेगी और तभी तय किया जाएगा कि अगला कदम क्या उठाया जाएगा।

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