मध्यप्रदेश (Madhypradesh) सरकार ने एक और घाटे का बजट पेश कर दिया है । लगभग 2 लाख 80 हज़ार करोड़ के इस बजट में भाजपा सरकार ने किसानों, कामगारों, मज़दूरों, बेरोज़गार युवाओं, व्यापारियों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, सबके के साथ विश्वासघात किया है।बजट को एक राजनीतिक रैली के भाषण मात्र की तरह सदन में प्रस्तुत किया गया है जिसमें यूक्रेन में फँसे भारतीय नागरिकों को वापिस लाने के केंद्र सरकार के ऑपेरशन गंगा का भी जिक्र किया गया है।
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Madhypradesh – मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेश किये गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता पंकज सिंह ने कहा कि सड़कों के नाम पर मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर पानी की तरह पैसा बहा रही है परंतु जैसा की आप सबको विदित है धरातल पर जाकर देखते हैं तो प्रदेश की सारी सड़कें पानी में ही बह जा रही हैं।राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में घरेलू एवं कृषि कार्यों के लिए बिजली में 21000 करोड की सब्सिडी उपलब्ध कराए जाने की बात कही है परंतु वास्तविकता यह है कि बिजली की दरें लगातार बढ़ रही हैं और आम जनता इससे त्रस्त है । ऐसा लगता है कि यह सब्सिडी जनता नहीं बल्कि निज़ी बिजली कंपनियों के लिए दी जा रही है। अब तो सरकार जनता को लूटने के लिए बिजली के स्मार्ट मीटर लगवा रही है जो और अधिक तेज़ गति से चलेंगे।
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शिवराज सरकार ने बेमौसम बारिश से हुए किसानों के नुकसान के लिए मुआवजे से संबंधित कोई प्रावधान इस बजट में शामिल नहीं किया है और ना ही खाद की समय पर उपलब्धता के लिए कोई विशेष प्रावधान किया है।
मामा शिवराज ने अपने बेरोज़गार भांजे-भांजियों को भी ठगा है। प्रदेश के युवाओं के लिए विभिन्न सरकारी महकमों में किसी भी तरीके की नौकरियों का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
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बात साफ है, इस बजट से ना तो रोज़गार सृजन होगा ना ही महँगाई घटेगी। पिछले सालों की तरह इस बार भी घोषणाओं मात्र का बजट प्रस्तुत कर दिया गया है और पहले के वादों को दावे मात्र बनाकर भूल गए हैं। इस बजट से बस मध्यप्रदेश और ज्यादा कर्ज़ में डूबेगा व यहाँ के हर एक आम आदमी की जेब पर और ज्यादा गहरा डाका पड़ेगा।