Close Menu
करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • मासूम पर पालतू कुत्ते ने किया हमला, किया लहुलुहान, स्थानीय लोगों में बढ़ा डर
    • Diwali से पहले पंजाब सरकार का बड़ा तोहफा! हर पंजाबी को मिलेगा फायदा
    • बॉडी बिल्डर वरिंदर घुम्मन की मौत पर पंजाब सरकार का बड़ा कदम
    • रात 10 से सुबह 6 बजे तक लोगों के लिए जारी हुए आदेश, लगी पूरी तरह पाबंदी
    • पंजाब के इस SHO पर बड़ी कार्रवाई, महिला आयोग ने जारी किया नोटिस
    • पंजाब पुलिस और BSF का सख्त Action, भारी मात्रा में ICE बरामद
    • मुरादाबाद में लव जिहाद : 5 बच्चों की मां को फेसबुक पर फंसाया, ब्लैकमेलिंग और धर्म परिवर्तन का दबाव
    • नवजोत सिद्धू की सियासी वापसी पर सस्पेंस, प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    Saturday, October 11
    • होम
    • राज्य
      • दिल्ली
      • उत्तर प्रदेश
      • उत्तराखण्ड
      • मध्य प्रदेश
      • छत्तीसगढ़
      • हिमांचल प्रदेश
      • पंजाब
      • झारखण्ड
      • बिहार
      • राजस्थान
      • हरियाणा
      • गुजरात
      • महाराष्ट्र
      • जम्मू कश्मीर
    • देश
    • मनोरंजन
    • खेल
    • टेक्नोलॉजी
    • लाइफ स्टाइल
    करंट न्यूज़करंट न्यूज़
    Home » कभी माओवादी के रूप में उठाई थी बंदूक, अब तेलंगाना सरकार में बनी मंत्री

    कभी माओवादी के रूप में उठाई थी बंदूक, अब तेलंगाना सरकार में बनी मंत्री

    December 8, 2023 देश 3 Mins Read
    Journey From Maoist To Minister
    Share
    Facebook Twitter Email WhatsApp Copy Link

    हैदराबाद : माओवादी से लेकर वकील, विधायक और अब तेलंगाना में मंत्री तक। दानसारी अनसूया ने अपनी जिंदगी में कई जंग लड़ी है। उन्हें सीताक्का भी कहा जाता है। उन्हें गुरुवार को हजारों लोगों की मोजूदगी में एल.बी. स्टेडियम में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जैसे ही (Journey From Maoist To Minister) वह मंच पर पहुंचीं, जोरदार तालियों से उनका स्वागत हुआ। वह एक पल के लिए रुकीं, हाथ जोड़कर जवाब दिया और फिर राज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने उन्हें शपथ दिलाना शुरू किया। शपथ लेने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से हाथ मिलाया, जो उन्हें अपनी बहन मानते हैं।

    इसे भी पढ़ें – रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

    सीताक्का इसके बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी के पास गई और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। सोनिया गांधी ने खड़े होकर उन्हें गले लगाया और बधाई दी। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी हाथ मिलाया।विधानसभा चुनाव में 52 वर्षीय नेता को मुलुग निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया है।यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। कोया जनजाति से आने वाले सीताक्का कम उम्र में ही माओवादी आंदोलन में शामिल हो गई थी और
    उसी आदिवासी क्षेत्र में सक्रिय एक सशस्त्र दस्ते का नेतृत्व किया। उन्होंने पुलिस के साथ कई मुठभेड़ों में भाग लिया, इस दौरान अपने पति और भाई को भी खो दिया। आंदोलन से निराश होकर, उन्होंने 1994 में माफी योजना के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

    इसे भी पढ़ें – प्रियंका गांधी ने गाजा पर “निर्मम बमबारी” की निंदा की, सरकार से सही का साथ देने को कहा

    इसके साथ, सीताक्का के जीवन में एक नया मोड़ आया, जिन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने वारंगल की एक अदालत में एक वकील के रूप में भी प्रैक्टिस की बाद में वह तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गईं और 2004 के चुनावों में मुलुग से चुनाव लड़ा। हालांकि, कांग्रेस की लहर का सामना करते हुए, वह उपविजेता रही। 2009 में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतीं। 2014 के चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहीं। 2017 में, उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए टीडीपी छोड़ दी और 2018 में टीआरएस (अब बीआरएस) द्वारा राज्यव्यापी जीत के बावजूद सीट जीतकर मजबूत वापसी की। सीताक्का ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांवों में अपने काम से सुर्खियां बटोरीं।

    इसे भी पढ़ें – शासन के लिए भाजपा लोगों की सबसे पसंदीदा पार्टी बन गई है : प्रधानमंत्री मोदी

    Journey From Maoist To Minister – अपने कंधों पर बोझ उठाए हुए लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने के लिए जंगलों, चट्टानी इलाकों और नालों को पार करती हुई गांव-गांव पहुंची। 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में बंदूकधारी माओवादी विद्रोही के रूप में उसी जंगल में काम करने के बाद, वह इलाके से अपरिचित नहीं थीं। एकमात्र अंतर यह था कि एक माओवादी के रूप में उनके हाथ में बंदूक थी और महामारी के दौरान वह भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं ले जाती थीं। पिछले साल उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी पूरी की। आदिवासी विधायक ने तत्कालीन आंध्र प्रदेश के प्रवासी आदिवासियों के सामाजिक बहिष्कार और अभाव पर पीएचडी की।

    Follow on Google News Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on YouTube Follow on WhatsApp
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram WhatsApp Copy Link

    Keep Reading

    पंजाब पुलिस और BSF का सख्त Action, भारी मात्रा में ICE बरामद

    नवजोत सिद्धू की सियासी वापसी पर सस्पेंस, प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल

    बंगाल में ‘SIR’ पर तकरार : CM ममता बनर्जी ने कहा- केंद्र की यह नीति राज्य में लागू नहीं होगी

    मायावती का चौंकाने वाला दांव : लखनऊ रैली में योगी की तारीफ, अखिलेश पर निशाना

    जैश की नई चाल : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से टूटकर अब मैसेज और ब्रेनवॉश से महिलाओं को बना रहा मोहरा

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बदला ईमेल एड्रेस, पोस्ट शेयर कर लिखा- ‘I switched to Zoho mail’

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube

    राज्य -  दिल्ली    उत्तर प्रदेश    उत्तराखण्ड    मध्य प्रदेश    छत्तीसगढ़    हिमांचल प्रदेश    पंजाब    झारखण्ड    बिहार   राजस्थान    हरियाणा

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.