मुंबई से सटे मीरा रोड में क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यह बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में मोटी सेलरी पर नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों को पहले थाईलैंड ले जाता था और उसके बाद अवैध रूप से सड़क मार्ग के जरिये म्यांमार, कंबोडिया,चीन ले जाते थे. इसके बाद इन युवकों से साइबर (Human trafficking gang busted) फ्रॉड का काम कराया जाता था. जो युवक ये काम करने से मना करते थे उनकी कई दिनों तक जमकर पिटाई की जाती थी और इन्हें स्लेव गुलाम बनाकर रखा जाता था. इस गैंग के सरगना चीन में बैठकर ये रैकेट चला रहे है और इस गैंग का नाम “डिजिटल सायबर स्लेवरी” बताया जा रहा है, जो एक खूंखार ह्यूमन स्मगलिंग और साइबर फ्रॉड गैंग है.
Human trafficking gang busted – इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब 2 लड़के 13 लाख की फिरौती देकर इन गैंग के चंगुल से बाहर निकले और इंडिया आये. भारत आकर इन दोनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और क्राइम ब्रान्च मीरा रोड ने इस केस में 8 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. जिसमे 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार आरोपियों में आसिफ खान उर्फ नेपाली और रोहित कुमार मरदाना शामिल है जो अलग-अलग चैन के जरिए चीन के सरगनाओं से जुड़े है. पुलिस के मुताबिक अभी जो आरोपी फरार उसमें चीन के लियो और स्टीव नाम के 2 आरोपियों के बारे पीड़ितों ने जानकारी दी है. वहां उनके कैद में भारत की कई लड़कियां है जिन्हें इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड के काम में ढकेल दिया गया है. इतना ही नहीं उनका शारीरिक शोषण भी किया जा रहा है.
पीड़ित युवकों ने पुलिस को जानकारी दी है कि भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान और मध्य एशिया के कई देशों के युवक-युवतियों को निशाना बनाया गया है. आरोपियों ने बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में मोटी सैलरी पर जॉब दिलाने के नाम पर थाईलैंड के रास्ते म्यांमार, चीन, कंबोडिया ले जाकर वह बंधक बनाया जा रहा है. उनसे साइबर फ्रॉड और बाकी गैरकानूनी एक्टिविटीज करवाई जा रही हैं.