
लोगों का प्रदर्शन
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जींद में नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों और दवाओं की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार से दो दिवसीय धरना शुरू किया। कांग्रेस वक्ताओं ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का जनाजा निकला हुआ है। जींद की जनता के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। जिला अस्पताल में 55 डॉक्टरों के पद हैं लेकिन डॉक्टर केवल 29 हैं। पूरे जिले की बात करें तो कुल पद 222 हैं और डॉक्टर केवल 110 हैं यानि आधे से ज्यादा पद खाली हैं।
एयर कंडीशनर ठीक करवाने के लिए सरकार से बजट नहीं आया
जिले के सरकारी अस्पताल में एक भी रेडियोलॉजिस्ट और मेडिसिन का डॉक्टर नहीं है। मशीन खराब हैं, दवाई नहीं हैं। ऐसे में आम आदमी इलाज के लिए भटक रहे हैं। नागरिक अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर भी बंद हो गया है। डॉक्टर कह रहे हैं कि एयर कंडीशनर ठीक करवाने के लिए सरकार से बजट नहीं आया है। भाजपा विधायक सो रहे हैं। गरीब आदमी को सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पीजीआई में रेफर की पर्ची मिलती है।
गरीब लोगों को मजबूर होकर महंगे प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज करवाना पड़ रहा हैं। जींद के सरकारी अस्पताल से भाजपा सरकार ने बड़ा जेनेरेटर उठा कर यहां से दूसरे जिले में ले जाने की कोशिश की थी। जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देकर रूकवाया। फिर डॉक्टरों की कमी को पूरा करवाने के लिए 2018 में 28 अक्टूबर से तीन दिन तक धरना देना पड़ा था।
सहवाग ने कहा कि जींद मेडिकल कॉलेज का काम शुरू करवाने के लिए धरना दिया, गिरफ्तारी दी और भाजपा सरकार की पुलिस के डंडे खाए लेकिन हम अड़े रहे और जींद मेडिकल कॉलेज का काम शुरू करवाकर दम लिया। भाजपा व जेजेपी सरकार को जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं हैं। केवल सरकारी खजाने को लूटने का ठगबंधन है। उन्होंने कहा कि जींद की जनता अपना हक लेना जानती है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद सहवाग ने कहा कि सरकार ने जींद की जनता के साथ भेदभाव किया है। हालात ये हो गए हैं कि गरीब आदमी अब अपना इलाज भी सरकारी अस्पताल में नहीं करवा सकता।