नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी पर उच्चतम न्यायालय की सख्त टिप्पणी का (Issue Of Air Pollution) हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने निष्क्रियता बरती है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘देश की राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के बारे में उच्चतम न्यायालय ने बहुत कड़े शब्द कहे हैं। लेकिन यह एक ऐसा संकट है जो विशेषकर पूरे उत्तर भारत को प्रभावित करता है। केंद्र और राज्य दोनों ने ही निष्क्रियता दिखाई है।

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उनका कहना है कि यह भी जनहित में होगा यदि उच्चतम न्यायालय इसी भावना से मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण को कमजोर करने के कदम को पलटने के लिए हस्तक्षेप करे। एनजीटी को 2010 में संसद द्वारा बनाया गया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसे निष्प्रभावी बनाने के लिए व्यवस्थित प्रयास किए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान हुआ है।’’

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Issue Of Air Pollution – दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को फसलों के अवशेष जलाने पर ‘तत्काल रोक’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल दर साल ये हालात बर्दाश्त नहीं कर सकती।

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