उत्तर प्रदेश के औरैया में एक मुस्लिम शख्स ने अपनी पत्नी की मौत के बाद उसे दफनाया नहीं बल्कि उसे मुक्तिधाम ले जाकर जलाया. उसकी पत्नी हिंदू थी. उसने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के साथ किया. क्योंकि मुस्लिम समाज के उनकी बिरादरी (जाति) के लोगों ने उनकी पत्नी को कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया था. इसलिए उसने (society did not allow to bury) मजबूरी में अपनी पति का अंतिम संस्कार किया.
society did not allow to bury – अब ये मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां दिबियापुर थाना क्षेत्र के असेनी में वाकर अली की 55 साल की पत्नी भागवती की मौत हो गई थी. उनकी पत्नी काफी दिन से बीमार थीं और बीमारी के चलते ही उनकी मौत हो गई. जब महिला का आखिरी वक्त आया और वाकर उन्हें दफनाने की तैयारी करने लगा तो उनकी बिरादरी के लोगों ने उन्हें भागवती को कब्रिस्तान में दफनाने से मना कर दिया.