अमृतसर : पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान जंग, जिसमें भारत सरकार की तरफ से ऑप्रेशन सिंदूर चलाया गया। इसका नकारात्मक असर धीरे-धीरे सामने आना (after indo pak war) शुरू हो गया है।
after indo pak war – जानकारी के अनुसार पिछले दो महीना से आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर खाली पड़ी हुई है, इसके पीछे कारण यह है कि अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट के ट्रक अब नहीं आ रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के ट्रैकों को रास्ता देने से मना कर दिया है। पुलवामा हमले के बाद वर्ष 2019 में पाकिस्तान के साथ आयात निर्यात भी बंद हो गया था, लेकिन अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट व अन्य सामान के ट्रक आ रहे थे। अमृतसर में 10 दिनों की संख्या में कारोबारी ऐसे हैं, जो अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट का आयात कर रहे थे और पूरे देश में ड्राई फ्रूट की सप्लाई की जा रही थी, लेकिन फिलहाल अब अफगानिस्तान से आयात शुरू होने की कोई संभावनाएं नजर नहीं आ रही है।
150 करोड़ की लागत से तैयार की गई थी आई.सी.पी.
आई.सी.पी. अटारी की बात करें तो केंद्र सरकार की तरफ से 150 करोड रुपए की लागत से ICP का निर्माण किया गया था, वह तत्कालीन वित्त मंत्री परी चिदंबरम की तरफ से इसका उद्घाटन किया गया था। इस आई.सी.पी. में 500 से ज्यादा ट्रक खड़े होने की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ करोड़ों रुपए की लागत से आई.सी.पी. पर टैक्स स्कैनर भी लगाया गया था। बड़ी संख्या में ICP पर गोदाम भी बनाए गए थे, जिसमें ड्राई फ्रूट अन्य सामान रखने की व्यवस्था थी।
हजारों की संख्या में कुली और मजदूर हुए बेरोजगार
पाकिस्तान के साथ आयात निर्यात बंद होने के कारण आई.सी.पी. पर काम करने वाले लगभग 25000 के करीब कली और मजदूर बेरोजगार हो चुके थे, लेकिन फिर भी अफगानिस्तान से आने वालों ट्रैकों के कारण सैकड़ो की संख्या में कुली वह मजदूर को कम मिल रहा था, लेकिन अब अफगानिस्तान का आयात बंद होने के कारण यहां पर काम करने वाले हजारों कुली वह मजदूर ट्रांसपोर्टर और सी.एच.ए. भी खाली हाथ बैठे हुए हैं।