
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
हरियाणा के हिसार के मंडी आदमपुर शहर की ऑटो मार्केट में किराये के मकान में रह रहे दंपती ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। अग्रोहा के ढाणी खासा महाजन निवासी रामचंद्र ने सिवानी के गांव चिड़ौद निवासी संतोष से करीब एक साल पहले प्रेम विवाह किया था। दोनों की शादी से परिजन नाखुश थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्जे में लिया।
पुलिस को दिए बयान में रामचंद्र के भाई लक्ष्मण ने बताया कि वे तीन भाई और उसकी चार बहनें हैं। रामचंद्र ने करीब एक साल पहले प्रेम विवाह किया था। करीब एक माह से ऑटो मार्केट की गांधी कॉलोनी में रह रहा था। उसे सोमवार की सुबह सूचना मिली कि उसके भाई रामचंद्र और उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली है।
जब वे अन्य परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे तो रामचंद्र फंदे पर लटका था, जबकि संतोष का शव जमीन पर पड़ा था। आशंका जताई जा रही है कि देर रात उसकी पत्नी संतोष ने फंदा लगा लिया। जब रामचंद्र उठा तो उसने पत्नी को फंदे से लटका देखा। इसके बाद रामचंद्र ने फंदा काटा और पत्नी संतोष को नीचे उतारा, लेकिन तब तक संतोष की मौत हो चुकी थी। रात करीब दो बजे उसने अपने भाई को फोन किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद सुबह रामचंद्र का शव फंदे पर लटका मिला।
दुकान की चाबी लेने आया कर्मचारी तो लगा घटना का पता
रामचंद्र का पार्टनर शैलेंद्र भांभू सदलपुर में रहता है। दुकान की चाबी रामचंद्र के पास थी। सुबह करीब सवा नौ बजे जब दुकान का कर्मी चाबी लेने के लिए रामचंद्र के घर गया तो खिड़की में से उसने देखा कि रामचंद्र फंदे से लटका हुआ है और उसकी पत्नी संतोष नीचे फर्श पर गिरी पड़ी है। इसकी सूचना उसने पुलिस व आसपास के दुकानदारों को दी।
लड़की को परिजनों ने कर रखा है बेदखल
आदमपुर पहुंचे मृतका संतोष के भाइयों व परिजनों ने संतोष का शव लेने से मना कर दिया। लड़की के परिजनों ने कहा कि जिस दिन उसने प्रेम विवाह किया था उसी दिन वह उनके लिए मर गई थी और उन्होंने उसे बेदखल कर रखा था। बाद में पुलिस ने दोनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव रामचंद्र के परिजनों को सौंप दिए।
ऑटो मार्केट में करता था प्लास्टिक वेल्डिंग
मृतक रामचंद्र ने करीब सात माह पहले आदमपुर की ऑटो मार्केट में श्री बालाजी बंपर एंड डिस्पोजल पार्ट्स के नाम से पार्टनरशिप में दुकान कर रखी थी। रामचंद्र स्वयं प्लास्टिक की वेल्डिंग करता था। रोजाना गांव में आने-जाने की समस्या के चलते करीब एक माह पहले ही दुकान के पास ही मकान किराये पर लिया था। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि रामचंद्र हंसमुख स्वभाव का था। दोनों की मौत के बाद मार्केट में सभी दुकानें बंद रहीं।