महाकुंभनगर : दुनिया के सबसे बड़े सनातन समागम महाकुंभ का भव्य शुभारंभ सोमवार को पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के साथ हो गया। संगम की रेती पर बसे भव्य एवं सुरम्य अस्थायी जिले में लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिये बढ़े चले जा रहे थे।अधिकृत जानकारी के अनुसार भोर करीब सुबह तीन बजे से पतित पाविनी गंगा,श्यामल वर्ण यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान ध्यान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सुबह साढ़े नौ बजे (Grand Inauguration Of Maha Kumbha) तक 60 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी थी।
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Grand Inauguration Of Maha Kumbha – आस्था के महासंगम में चहुंओर हर-हर गंगे के जयकारे गूंज रहे हैं। साधु संतों की उपस्थिति से वातावरण भक्ति रस से ओतप्रोत है। गरीब अमीर, जाति धर्म से परे आस्था का यह समागम देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बन कर दुनिया भर में अपनी आभा फैला रहा है। महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है। इसका आयोजन हर 12 सालों के बाद किया जाता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
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आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर- हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। विदेशी श्रद्धालुओं ने भी पावन स्नान किया। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रथम स्नान स्नान के लिए सुबह 5.27 से लेकर सुबह 6.21 तक का सबसे शुभ माना गया है। लेकिन श्रद्धालु आधी रात के बाद से आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी।