
पीजीआई राेहतक
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दान किए गए नेत्रों से अंधेरे जीवन में रोशनी की आस लगाए बैठे दृष्टिहीनों के लिए राहत भरी खबर है। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआईएमएस) में एक ही आंख के कॉर्निया से एक से ज्यादा जीवन में उजाला भरा जा सकेगा। इसके लिए संस्थान कर ओर से पैंटा कैम (कॉर्निया जांचने और इसकी लेयर बनाने में मददगार कैमरानुमा उपकरण) खरीदा जा रहा है। यह न केवल कॉर्निया की गुणवत्ता का बेहतर अध्ययन सरल करेगा, बल्कि कॉर्निया को जरूरत के हिसाब से अलग-अलग दो से तीन लेयर में बांटने में भी मदद करेगा।
कॉर्निया उसकी आंख में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा
पीजीआईएमएस के क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान में जल्दी ही नई तकनीकी सुविधा आने वाली है। सरकार ने पैंटा कैम संस्थान को भेजने का निर्देश जारी कर दिया है। यह उपकरण जल्दी ही संस्थान को मिल जाएगा। इससे मरीज को जिस तरह के कॉर्निया की जरूरत होगी, वही कॉर्निया उसकी आंख में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा।
काला मोतिया के इलाज में भी काम आएगा पैंटा काम
कॉर्निया के अलावा पैंटा कैम काला मोतिया के इलाज में भी काम आएगा। यह उपकरण आंख के कॉर्निया की जांच कर काला मोतिया की स्थिति बताएगा। इससे मरीज का इलाज आसान होगा और उसे राहत मिलेगी। अब तक संस्थान में इस सुविधा का अभाव था।
अधिकारी के अनुसार
संस्थान को जल्द ही पैंटा कैम मिल जाएगा। इसके बाद कॉर्निया का अध्ययन आसान हो जाएगा। काला मोतिया के इलाज के साथ कॉर्निया को बारीकी के साथ जांच कर अलग-अलग बांटा जा सकेगा। इससे एक ही कॉर्निया एक से अधिक लोगों के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। -डॉ. अशोक राठी, प्रोफेसर, क्षेत्रीय नेत्र रोग संस्थान, पीजीआईएमएस।