छत्तीसगढ़ में एक गांव ने एक बच्ची की जिम्मेदारी उठाई और उसका लाखों का इलाज मुफ्त में कराया. बच्ची के दिल में छेद था और उसके इलाज में 25 लाख का खर्च आ रहा था. ऐसे में (example of humanity) उसके माता-पिता इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा पा रहे थे. ऐसे में गांव वालों ने दरियादिली दिखाई और बच्ची की मदद के लिए आगे आए और जहां 25 लाख रकम जुटा पाना नामुमकिन लग रहा था. वहां गांव वालों ने मिलकर बच्ची का इलाज मुफ्त में करा दिया.
example of humanity – ये मामला बीजापुर के भोपालपटनम बस्तर से सामने आया है. ये इलाका रायपुर से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. यहां पर लोग अक्सर लोगों की मदद करते नजर आते हैं. गांव में कोई बीमार हो जाए तो गांव वाले उसका सहारा बन जाते हैं. ये गांव बीजापुर का वरदल्ली है. इसी गांव की रहने वाली शंभावी नाम की 11 साल की बच्ची का गांव वालों ने इलाज कराया.
2500 रुपये महीना पिता की कमाई
शंभावी अपने माता-पिता के साथ गांव में रहती है. शंभावी के दिल में छेद था और वॉल्व पूरी तरह से खराब हो गया था. ऐसे में शंभावी को बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी. उसकी परेशानी बढ़ती जा रही थी. शंभावी के पिता विक्कू एक छोटे से किसान हैं और मां विजयलक्ष्मी गृहिणी है. शंभावी के पिता महीने के महज 2500 रुपये कमाते हैं. 2500 रुपये में वह अपने घर का खर्चा भी मुश्किल से ही उठा पाते हैं.
25 लाख का इलाज मुफ्त में कराया
ऐसे में सिर्फ 2500 महीने की कमाई से बेटी शंभावी का इलाज करा पाना, उनके लिए नामुमकिन था. 2500 रुपये महीने में वह 25 लाख का इलाज कैसे करा पाते, लेकिन कहते हैं न कि जिंदगी ऊपर वाले के हाथ में होती है. शंभावी के लिए गांव वाले फरिश्ता बने. रायपुर के लोगों ने दरियादिली दिखाते हुए 25 लाख रुपए जमा किए और शंभावी का इलाज एकदम मुफ्त कराया.