नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। इसी बीच मशहूर विचारक एस गुरुमूर्ति ने तमिलनाडु की राजनीति पर विचार रखते हुए बताया (Dravidian Politics In Deep Crisis) कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दक्षिण पुश ने क्षेत्रीय क्षत्रपों को भ्रमित और हैरान कर दिया है।
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Dravidian Politics In Deep Crisis – एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत में एस गुरुमूर्ति ने कहा कि डीएमके की राजनीति ने अपना काम कर लिया है और अब वह थकी हुई नजर आ रही है। उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति में उस खालीपन के बारे में भी बात की जो राज्य की दो दिग्गज हस्तियों जे. जयललिता और एम. करुणानिधि के निधन के बाद आई है। उन्होंने कहा कि जयललिता और करुणानिधि के बाद राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां द्रमुक और अन्नाद्रमुक भटक गई हैं। उन्होंने पहले जैसी जीवंतता और जनता के बीच अपना विश्वास खो दिया है।
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उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के मिशन साउथ के बाद आज द्रविड़ राजनीति गहरे संकट में है और पीएम मोदी के राज्य के बार-बार दौरे और वैश्विक मंच पर तमिल विरासत को बढ़ावा देना, उन्हें परेशान कर रहा है। तमिलनाडु शायद देश का सबसे हिंदुत्ववादी राज्य है, ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं कि तमिलनाडु की धार्मिक जड़ें बहुत मजबूत हैं और 1960 के दशक के दौरान द्रविड़ आंदोलन ने इस पर ग्रहण लगा दिया। लेकिन, आज स्थिति बदल गई है, लोग अपनी जड़ों को फिर से मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। इससे द्रमुक बौखलाई हुई है, वह भारी वैचारिक भ्रम में है। यह नहीं जानती है कि भाजपा और नरेंद्र मोदी से कैसे निपटा जाए।