दिवाली का असर दिल्ली पर दिखने लगा है. त्योहार के अगले दिन ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. भारी प्रदूषण के कारण दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई है. 38 निगरानी केंद्रों में से 36 रेड जोन में हैं. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली सरकार पर हमलावर हो गई है.
AAP के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि सरकार ने कहा था कि दिवाली के बाद आर्टिफिशियल रेन कराकर सारा प्रदूषण ठीक कर देंगे. क्या आर्टिफिशियल रेन हुई? क्या भाजपा सरकार चाहती हैं कि लोग बीमार हों. भाजपा सरकार की निजी अस्पतालों के साथ सांठ-गांठ है, ये सरकारी अस्पताल बंद करेंगे.
हालांकि, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच सरकार क्लाउड सीडिंग के लिए तैयार है, लेकिन उसे मौसम विभाग की मंजूरी का इंतजार है. सूत्रों के अनुसार, सरकार 24 से 26 अक्टूबर के बीच अनुकूल मौसम परिस्थितियों में क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग से अंतिम अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है. क्लाउड सीडिंग के लिए सभी तकनीकी और जमीनी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पूरी टीम और मशीनरी तैयार है, ताकि मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया तुरंत शुरू की जा सके.
भारद्वाज ने कहा कि इसके अलावा पटाखों की भी एक बड़ी लॉबी है. करोड़ों रुपए का उन्हें फायदा हुआ है. उस फायदे को किस-किस में बांटा गया. ऐसा कैसे हुआ कि ग्रीन पटाखों के अलावा भी पटाखे बिके. इसका मतलब है कि जिस लॉबी ने अरबों के पटाखे बनाए थे, उसका सरकार पर दबाव था कि ये बिकवाइए. पुलिस की मौजूदगी में ऐसा हो रहा है तो वो सांठ-गांठ की तरफ इशारा करता है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री बहाने बना रहे: गोपाल राय
वहीं पूर्व पर्यावरण मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया और भाजपा सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है. आधे से ज्यादा क्षेत्र रेड जोन में हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री बहाने बना रहे हैं, कोई एक्शन प्लान तक नहीं है. सरकार को बहानेबाजी छोड़कर दिल्ली के बढ़ते पॉल्यूशन पर ध्यान देना होगा. वो कह रहे हैं कि दिल्ली में आस-पास से प्रदूषण आ रहा है. ये सबको पता है कि लेकिन आस-पास किसकी सरकारें हैं. भाजपा की सरकारें हैं, केंद्र में आपकी सरकार है. आपने क्या किया. सिर्फ बयानबाजी की.
दिवाली की रात दिल्ली में रात भर आतिशबाजी हुई, जिसका असर आज सुबह में देखने को मिल गया. ज्यादातर जगह सफेद धुंध की चादर दिखाई दी. दिल्ली में औसतन वायु गुणवत्ता 400 के पर दर्ज हुई जो कि काफी खतरनाक स्थिति में है. लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिल्लीवासियों ने भरपूर फायदा उठाया और रात भर आतिशबाजी की. हवा खराब होना अस्थमा के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए काफी खतरनाक है.
सुप्रीम कोर्ट दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी थी. हालांकि इस आदेश का जमकर उल्लंघन हुआ.