चमड़ी को गोरा करने के लिए इस्तेमाल की जाती क्रीम शरीर (revelation of the consciousness) के लिए खतरनाक है। यह बड़ा खुलासा PGI के नेफरोलोजी विभाग द्वारा करवाए गए अध्ययन में हुआ है।
हाल ही में पी.जी.आई. नेफरोलोजी विभाग की ओ.पी.डी. में एक मरीज आया, जिसके गुर्दे में समस्या थी। जब डॉक्टर ने Diagnose के लिए हिस्ट्री पूछी तो पता चला कि वह कुछ समय से चमड़ी को गोरा करने के लिए क्रीम का इस्तेमाल कर रहा था। इस कारण उसके गुर्दों में पारे की मात्रा बढ़ रही थी। इसके साथ उसे परेशानी हो रही थी। इसके बाद मरीज को क्रीम ना लगाने के लिए कहा गया तो शरीर के पारे का स्तर अपने आप कम होने लग पड़ा।पिछले कुछ सालों से चमड़ी को गोरा करने वाली क्रीम पर चमड़ी की देखभाल के रूप में ग्लूटेथिओन (मानव सेलों में कुदरती तौर पर पाए जाने वाला एक ऐंटआक्सीडैंट ) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।
revelation of the consciousness – इनमें से कईयों में पारे का स्तर तय सीमा से अधीक होता है, जो किडनियों को प्रभावित करता है। पी.जी.आई. नैफरोलोजी विभाग के सहायक प्रोफैसर डॉ.राजा रामचंदरन अनुसार उन्होंने जो मरीज देखे है, जब उनसे क्रीम बारे पूछा गया तो उन्हें क्रीम के कोई ब्रांड लेबल यां नाम का कुछ पता नहीं था। उन्होंने कहा कि हम चमड़ी को गोरा करने वाली क्रीम का इस्तेमाल के बाद पैशाब में प्रोटीन रिसाव वाले नैफरोटिक सिंडरोम के कुछ मामले देखे है। इन मरीजों के खून में पारे का स्तर बढ़ा हुआ था। इससे साफ पता लगता है कि इन क्रीमों में पारा था, जो चमड़ी के जरिए शरीर में दाखिल हो रहा था। ऐसे मामले किसी खास क्षेत्र तक सीमित नहीं बल्कि दुनिया भर में कई मामले सामने आए है।