उत्तर प्रदेश में दैवीय आपदा से फसल बर्बाद होने पर (Compensation Of Farmers) किसानों को 30 दिन में और स्थानीय आपदा से क्षति होने पर 15 दिन में क्षतिपूर्ति का पैसा मिलेगा। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके अंतर्गत खरीफ व रबी में प्रमुख फसलों को अधिसूचित किया गया है। इस बीच, मंगलवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ आपदा का मजबूती से सामना करने के लिए संकल्पित है। जब सरकार साथ में खड़ी है तो कोई भी आपदा प्रदेश की जनता का बाल बांका नहीं कर पाएगी। हर बाढ़ पीड़ित तक राशन किट पहुंचाया जा रहा है।

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जारी हुए शासनादेश के अनुसार, यदि फसलों की क्षति दैवीय आपदा के कारण होती है तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कई परिस्थितियों में बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इसमें सबसे पहले मध्यावस्था क्षति के तहत बीमित राशि दी जाती है। मध्यावस्था फसल की प्रारंभिक अवस्था से लेकर फसल कटाई के 15 दिन पूर्व तक मानी जाती है। इस दौरान प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की अनुमानित उपज से सामान्य उपज की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी की स्थिति में जिले के राजस्व व कृषि विभाग के कार्मिकों द्वारा फसल में क्षति की सूचना तीन कार्य दिवसों में डीएम या उप कृषि निदेशक को लिखित रूप से देनी होती है।

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सूचना प्राप्त होने के सात कार्य दिवसों में डीएम या उप कृषि निदेशक कार्यालय द्वारा प्रभावित ग्राम पंचायत के संबंध में सूचना लिखित रूप से बीमा कंपनी को उपलब्ध कराई जाएगी। जनपद स्तर पर राजस्व, कृषि विभाग एवं बीमा कंपनियों के अधिकारियों की गठित टीम द्वारा आपदा के 15 दिनों में संयुक्त सर्वेक्षण करते हुए क्षति का आंकलन किया जाएगा। इसके बाद सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर ग्राम पंचायत में प्रभावित फसल के बीमित किसान को तात्कालिक सहायता के रूप में क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। इस तात्कालिक सहायता को मौसम के अंत में फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर फसल की आंकलित कुल देय क्षतिपूर्ति की धनराशि में समायोजित किया जाएगा।

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Compensation Of Farmers – ओलावृष्टि, जलभराव, भूस्खलन, बादल फटना, आकाशीय बिजली जैसी आपदाओं से फसलों की क्षति पर किसानों को 72 घंटे के अंदर व्यक्तिगत दावा कंपनी को प्रस्तुत करना होगा। सूचना प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर बीमा कंपनी सर्वेयर की नियुक्ति करेगी। अगले 10 कार्य दिवस में क्षति का आकलन होगा। बीमा कंपनी 15 दिन में क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित कराएगी। किसानों को उनके खातों में डीबीटी के माध्यम पैसा भेजा जाएगा।

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