नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना की अध्यक्षता में (Cleaning Of Yamuna) बीती रात एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में दिल्ली में करीब 200 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन नेटवर्क के दुरुस्त नहीं होने से यमुना की सफाई में सबसे बड़ी परेशानी को लेकर चर्चा की गई। इन सीवर लाइन में गाद निकालने की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में एलजी ने जल बोर्ड के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वह जल्द से जल्द इसके उपाय करें।
इसे भी पढ़ें – दिल्ली के हर घर को मिलेगा भरपूर पानी, मुख्यमंत्री ने बनाई विस्तृत योजना
Cleaning Of Yamuna – एनजीटी 30 जून को यमुना के कायाकल्प की दिशा में अब तक हुई प्रगति का जायजा लेगा। पिछले सप्ताह जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने आए विदेशी मेहमानों को एलजी यमुना के एक किनारे पर ले गए थे और वहां पर कुछ हिस्से को बेहतर बनाने की दिशा में जो काम हुआ है उसे उन्होंने दिखाया था। उसी तर्ज पर दिल्ली में कई जगहों पर यमुना की घाट को बनाने की योजना है।
इसे भी पढ़ें – दिल्ली भाजपा ने आप सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, केजरीवाल के इस्तीफे पर अड़े
अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि यमुना की सफाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण योजना जिसके तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम जारी है, उस पर तेजी से काम किया जाए। यमुना को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की फरवरी माह की रिपोर्ट में बताया गया है कि यमुना में गंदगी को रोकने के लिए 40 डिसेंट्रलाइज एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) की डेडलाइन को कम कर दिया गया है। अब यह प्लांट जल्दी बन कर तैयार हो जाएंगे।